-->


MP TOP STORIES

Friday, January 16, 2009

"नेट पर हिंदी के विस्तार की अपार संभावनाएं"

नई दिल्ली। समकालीन हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर असगर वजाहत का कहना है कि इंटरनेट पर हिंदी के विस्तार की व्यापक संभावनाएं हैं। इंटरनेट के जरिए हिंदी को विश्व के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए इंटरनेट पर हिंदी साहित्य को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है।

असगर वजाहत ने यह बात राजधानी स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में "हिंद-युग्म" संस्था द्वारा इंटरनेट पर हिंदी भाषा, साहित्य, कला और तकनीक मसले पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।कार्यक्रम में कहानीकार और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संस्था कथा के महासचिव तेजेन्द्र शर्मा और युवा कथाकार गौरव सोलंकी ने कथा पाठ किया। सोलंकी ने दो छोटी कहानियां "डर के आगे" और "तुम्हारी बांहों में मछलियां क्यो नहीं है" पढ़ीं, वहीं शर्मा ने "पासपोर्ट" नामक कहानी का पाठ किया।
कार्यक्रम में इंटरनेट पर हिंदी के प्रसार में ब्लॉगिंग के हस्तक्षेप पर भी चर्चा हुई। "हिंद-युग्म" के संस्थापक शैलेश भारतवासी ने बड़ी संख्या में ब्लॉग जगत से जुड़ने की वकालत की। कार्यक्रम के अंत में असगर वजाहत ने भी अपनी कुछ कहानियों को सुनाया।

0 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio