-->


MP TOP STORIES

Monday, December 8, 2008

समूह अध्ययन से बढ़ें आगे-भाग-एक

राजेश क्षत्रिय मप्र लोक सेवा आयोग के की परीक्षा पास कर नौकरी में आए। क्षेत्रीय सहकारिता बैंक में प्रबंधक हैं। जब भी उनसे कोई पूछता है कि उनकी सफलता का राज क्या है, तो वे अपने छोटे से अध्ययन समूह का नाम लेना नहीं भूलते। जब वे कॉलेज में थे, तभी उन्होंने एक अध्ययन समूह बनाया था। आज उनके गुट के सभी लडके एक से बढकर एक जगह पर काम कर रहे हैं। दरअसल, अध्ययन समूह के बहुत से फायदे होते हैं। समूह मे अध्ययन से आपका समक्ष तो बढ़ती ही है, इससे आपको चर्चा एवं परीक्षा की तैयारी में भी सहायता मिलती है।
समूह अध्ययन से पढाई व तैयारी के दौरान सहयोग मिलता है। अगर किसी कारणवश पढाई के प्रति आपकी प्रेरणा में कमी आ जाती है, तो ऐसी स्थिति में गु्रप के अन्य सदस्य आपको प्रोत्साहित करते हैं।
बहुत से लोग क्लास में टीचर से सवाल पूछने में हिचकिचाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए समूह अध्ययन बहुत फायदेमंद होता है। वे अपने अध्यययन समूह में आसानी से अपने सवाल पूछ सकते हैं।
अध्ययन समूह का हिस्सा बनने के बाद आपको अपने अध्ययन के प्रति और भी गंभीर होना होगा। इसका कारण यह है कि गु्रप के हर सदस्य की तैयारी दूसरे सदस्य की तैयारी पर निर्भर करेगी। अगर आप अच्छी तैयारी नहीं करेंगे, तो समूह के अन्य सदस्यों की पढाई पर इसका बुरा असर पडेगा।
समूह के सदस्य पढाई के दौरान नई जानकारियों और अवधारणाओं को सुनकर उन पर चर्चा भी करते हैं। इस तरह आपमें एक अच्छे श्रोता और वक्ता के गुणों का भी विकास होगा।
इतना ही नहीं, समूह के सदस्यों से आपको पढ़ाई के नए तौर तरीके भी मिल सकते है।
आप समूह के अन्य सदस्यों के कक्षाओं मे बनाए गए नोट्स की तुलना कर सकते हैं। ऐसी चीजें, जो क्लास में नोट करने से रह गई हों, उन्हें पूरा कर सकते हैं।
दूसरे, समूह सदस्यों से कुछ ऐसी जानकारियां भी मिल सकती हैं, जो आपकी किताब में न हो या आपके टीचर ने आपको न बताया हो! इस तरह से आपकी जानकारी में वृद्धि हो सकती है।
कभी-कभी पढाई काफी नीरस हो जाती है। ऐसी स्थिति में आप समूह सदस्यों के अध्यययन को मजेदार बना सकते हैं।
कैसे शुरू करें समूह अध्ययन
अध्ययन समूह बनाना आसान काम नहीं है। राहुल और उसके दोस्तों ने ऐसा ही एक समूह बनाने की सोची, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्हें लगा कि उनका अध्ययन समूह पढ़ाई करने की बजाय गप्पे लडाने में ज्यादा रुचि लेने लगा है। कहीं आपका समूह भी ऐसा न करने लगे, इसलिए किसी को भी अपने समूह में शामिल करने से यदि आपको निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर हां में मिले, तभी उसे अपने समूह में शामिल करें :
क्या उसमें पढने की लगन है?
क्या उसमें विषयों की समझ है?
क्या उस पर भरोसा किया जा सकता है?
क्या वह दूसरों के विचारों का सम्मान करता है?
क्या आपको उसका व्यवहार पसंद है?
अगर आपको सभी सवालों के उत्तर हां में मिलते हैं, तो अपने मित्र या सहपाठी को समूह में शामिल कर सकते हैं। इस तरह तीन से पांच लोगों को इकट्ठा कर एक अध्ययन समूह बना सकते हैं। ध्यान रहे, अध्ययन समूह में इससे ज्यादा लोगों को शामिल नहीं करना चाहिए।
समूह के साथ मिलकर तय कीजिए कि आपका अध्ययन का दौर कितना लंबा हो! सप्ताह में दो या तीन बार मिलना ठीक होता है। अध्ययन सत्र 60-90 मिनट का होना चाहिए।
पढा़ई का स्थान घर या कॉलेज के पास हो, जहां आसानी से पहुंचा जा सके। ऐसी जगह हो जहां भीड और शोर-शराबा न हो। इसके लिए कोई खाली क्लासरूम बेहतर होगा।
अपने अध्ययन समूह का लक्ष्य तय कीजिए। आपका लक्ष्य, नोट्स अद्यतन करना या उनकी तुलना करना, विमर्श, पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी हो सकता है।
अपने अध्ययन सत्र की कार्यसूची तय कीजिए तथा यह भी तय कीजिए कि उस सत्र में प्रत्येक समूह सदस्य को क्या कार्य करने हैं!

0 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio