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Saturday, July 11, 2009

सफलता के लिए इन्हें भी आजमांए..

कोई व्यक्ति ऊंचा काम कैसे पाता है। भाग्य, प्रतिभा या निष्ठा के कारण। जीवन के हर क्षेत्र में ऊंचा काम करने वालों के कुछ गुण और स्वभाव समान होते हैं। इसे कोई भी सीख सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी कंपनी के अध्यक्ष पद तक पहुंच सकता है या ओलिंपिक पदक जीत सकता है। जीवन में सफलता पाने के लिए गारफील्ड ने सूत्र दिए हैं। वे इस प्रकार हैं-

सुनियोजित जीवन : हम प्राय: सुनते हैं कि जीवन में सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है, जो काम के दीवाने होते हैं। ऎसे लोग जो दफ्तर में ज्यादा काम करते हैं, वे अपने आराम का ख्याल नहीं रखते। वे आराम से ज्यादा काम को तवज्जो देते हैं, ऎसे व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र के शिखर पर पहुंच तो जल्दी जाते हैं, लेकिन टिक नहीं पाते। इसके विपरीत सफल व्यक्ति जी-तोड मेहनत करने को तो तैयार रहते हैं, लेकिन सीमा में उनके लिए काम ही सब कुछ नहीं होता।
काम अपनी रूचि का चुनिए : अपनी रूचि के अनुसार काम चुनना चाहिए। जो पसंद हो वही काम करें। इससे काम में आनंद आता है। इससे सफलता के रास्ते खुलते हैं।
चुनौतीभरे काम की तैयारी : किसी भी कठिन काम को करने के लिए पहले से अभ्यास करना जरूरी है। आमतौर पर हम सिर्फ सपने देखते हैं। हवाई किले बनाते हैं। बैठे-बैठे किले बनाने से सफलता नहीं मिलती। इसलिए सकारात्मक काम करने की जरूरत है।
परिणाम पर ध्यान रखें : अनेक महत्वाकांक्षी तथा परिश्रमी व्यक्ति आदर्श काम करने की भावना से इतने ग्रस्त रहते हैं कि ज्यादा काम नहीं कर पाते। सर्वश्रेष्ठ कार्य वही लोग कर पाते हैं, जो पूर्णत: त्रुटिहीन काम करने के दबाव में नहीं रहते। वे अपनी गलतियों को असफलता नहीं मानते, उनसे अगली बार बेहतर काम करना सीखते हैं।
जोखिम उठाने तैयारी : व्यक्ति के जीवन में नीरसता आए या काम औसत दर्जे का हो तो वे जोखिम उठाने की जगह सुरक्षा को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं। ऊंचाई पर जाने वाले लोग जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। वे इसके लिए पहले से ही मानसिक रूप से तैयार होते हैं।
अपनी सामर्थ्य को कम ने आंकें : ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि उन्हें अपनी सीमाएं मालूम हैं, लेकिन हमें जितना कुछ मालूम होता है वह जानकारी नहीं है। वह मिथ्या विश्वास है। यह हमें सीमाओं में बांधता है। ऊंचे लोग काम करने की कृत्रिम सीमाओं की परवाह नहीं करते। वे अपनी भावनाओं, अपनी कार्यप्रणाली और अपने प्रत्यनों की गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
अपने-आप से करें स्पर्धा : काम करने वाले अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे करने के बजाय पिछले प्रयत्नों से आगे निकलने की कोशिश करते हैं। ऊंचे काम करने वालों की रूचि किसी भी काम को अपनी कसौटी के अनुसार बेहतर ढंग से करने की होती है, इसलिए वे अलग रहने के बजाय मिल-जुलकर काम करते हैं। अपनी प्रतिभा का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करते हैं।

1 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

अच्‍छी जानकारी है लेकिन कुछ बिन्‍दु स्‍पष्‍ट न होकर उलझे हुए हैं। मैंने जीवन में देखा है कि जो अलग हटकर कुछ करता है उसे सफलता मिलती है क्‍योंकि उसी पर लोगों का ध्‍यान आकर्षित होता है।

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