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Wednesday, December 3, 2008

कम्यूटर साईंस की पढ़ाई मे प्रोग्रामिंग का ज्ञान भी जरूरी....

कम्प्यूटर साइंस कोर्स में आपको केवल कम्प्यूटर्स के बारे में ही नहीं पढना होता है, बल्कि मैथमेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, इकोनॉमिक्स व कॉमर्स भी इस विषय के अभिन्न अंग हैं। यही कारण है कि प्लानिंग और स्ट्रेटेजी के साथ अपनी तैयारी शुरू करके ही आप इस कोर्स में अपनी राह आसान बना सकते हैं।

सिलेबस के कंट्रोल पैनल
मैथमेटिक्स
कम्प्यूटर साइंस का महत्वपूर्ण आधार विषय है-मैथमेटिक्स। इसके डिफ्रेंशियल इक्वेशंस, कैलकुलस, प्रॉबेबिलिटी जैसे टॉपिक्स पर आप लगातार अभ्यास से अच्छी पकड बना सकते हैं। इसके लिए इन बातों पर विशेष रूप से गौर करें :
एक्सरसाइज सॉल्व करने के लिए जो गाइडलाइंस निर्धारित हैं, उनके मुताबिक ही हर सेक्शन और टॉपिक का अभ्यास करें।

इलेक्ट्रॉनिक्स
इलेक्ट्रॉनिक्स के सेक्शन में डिजिटल सर्किट्स और इक्विपमेंट्स को समझें। इससे प्रैक्टिकल करने में आसानी होगी। इसके साथ ही, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :
फंडामेंटल्स पर पकड बनाएं।
कॉन्सेप्ट्स और सर्किट को समझने के लिए अधिक से अधिक समय दें।
एक से अधिक रेफरेंस बुक्स से कंसल्ट करें।

कम्प्यूटर्स
कम्प्यूटर साइंस में कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के पेपर्स सबसे महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, स्टूडेंट्स को ऑपरेटिंग सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेटवर्किग आदि को भी विस्तार से पढना होता है। इस सेक्शन के लिए विद्यार्थी इन बातों पर विशेष ध्यान दें :
प्रोग्रामिंग फंडामेंटल्स को रटें नहीं, समझें।
प्रोग्रामिंग के हर पेपर के साथ प्रैक्टिकल पेपर भी जरूर होता है। प्रोग्रामिंग लॉजिक को समझने के लिए यह इम्पॉर्टेट की है, इसलिए प्रैक्टिकल्स पर ज्यादा ध्यान दें।
प्रोग्रामिंग की हर रोज दो घंटा प्रैक्टि्स करें।

इकोनॉमिक्स व कॉमर्स

इस सेक्शन के लिए आप इकोनॉमिक्स व कॉमर्स के अंतर्गत आने वाले विषय क्षेत्रों, जैसे- डिमांड- सप्लाई, कारोबार, कस्टमर रिलेशंस आदि को ध्यान से समझें। आईटी और कॉमर्स के रिलेशनशिप को जानें। तथा इन बातों पर भी अमल करें :

नोट्स बनाएं।
कॉमर्स की मैगजीन्स व अखबार जरूर पढें।

प्रोग्रामिंग है सीएस की हार्ड डिस्क अधिकतर स्टूडेंट्स प्रोग्रामिंग से घबराते हैं। वैसे, प्रोग्रामिंग इतनी भी मुश्किल नहीं होती कि उसे समझा न जा सके। बस, कुछ बातों पर ध्यान दें, जैसे :

सबसे पहले प्रोग्रामिंग स्ट्रक्चर्स को समझें।
प्रोग्रामिंग की प्रैक्टिस करते समय शुरुआत छोटी-छोटी प्रॉब्लम्स से करें।
प्रॉब्लम को कागज पर पहले मैनुअली सॉल्व कर लें। इसके बाद इससे संबंधित सभी स्टेप्स को सिक्वेंस में आसान लैंग्वेज में लिखकर एल्गोरिथम बना लें।

एल्गोरिथम बनाने के बाद हर स्टेप को प्रोग्राम में कन्वर्ट करें।
प्रोग्राम को ड्राई रन करके देखें और लॉजिकल एरर्स को ठीक करें।
अब प्रोग्राम को कम्प्यूटर पर रन करें।

प्रोग्रामिंग एरर्स को समझने के लिए लैब मैनुअल का प्रयोग करना आवश्यक है।
बुक्स करें लॉग-ऑन कम्प्यूटर साइंस पर कुछ अच्छी किताबों के नाम इस प्रकार हैं :

द कम्पलीट रेफरेंस जावा : 2-नॉटन ऐंड शील्ड
द कम्पलीट रेफरेंस सी++ : एच. शील्ड
डाटा स्ट्रक्चर्स, ऐप्लिकेशंस इन सी++ : क्रुस
फंडामेंटल्स ऑफ डाटा स्ट्रक्चर्स : हॉरोविज
कम्प्यूटर सिस्टम आर्किटेक्चर : मॉरिस मानो

डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स : मॉरिस मानो
कम्प्यूटर ऑर्गनाइजेशन ऐंड ऑर्किटेक्चर : डब्ल्यू स्टॉलिंग्स
कम्प्यूटर अलगोरिथम्स : कॉरमन
प्रोग्रामिंग विद सी++ऐंड डाटा स्ट्रक्चर्स : मारिया लिटविन ऐंड गैरी लिटविन

नेट से लें बेस्ट
गूगल सर्च इंजन तो आपके लिए बेहतर साबित होगा ही, इसके अलावा आप विकी-पीडिया की साइट पर जाकर भी बहुत-सी जानकारियां हासिल कर सकते हैं।

मैगजीन्स से भी लें ज्ञान
विषय के प्रति रुचि पैदा करने और नवीनतम जानकारियों के लिए इस विषय पर कुछ अच्छी मैगजीन्स हैं :
डिजिट, इलेक्ट्रॉनिक्स फॉर यू, पीसी क्वेस्ट, साइंस रिपोर्टर, साइबर व‌र्ल्ड और कम्प्यूटर्स

क्या करें, क्या न करें
जब तक एक टॉपिक क्लियर न हो, तब तक अगले टॉपिक की ओर बढने से बचें।

असाइनमेंट्स बनाएं। कम्प्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित सेमिनार व वर्कशॉप जरूर अटेंड करें।
प्रैक्टिकल करने से कभी जी न चुराएं।

बातें छोटी मगर काम की
प्रोग्रामिंग के प्रश्नों में प्रोग्राम की हर इंस्ट्रक्शन, लूप, वैरिएबल्स के लिए कमेंट लिखना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रश्नों में क्लियर सर्किट्स बनाकर उनकी वर्किग समझाएं।
एरर्स बताने वाले प्रश्नों में इंस्ट्रक्शंस लिखकर एरर बताएं।
आउटपुट वाले प्रश्नों का उत्तर लिखते समय प्रॉपर सिक्वेंस का ध्यान रखें।

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