देश के 7 आईआईएम (अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, इंदौर, लखनऊ, कोझिकोड, शिलॉन्ग) और करीब 120 मैनिजमंट इंस्टिट्यूट में एडमिशन के लिए रविवार को हुए कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) में इस बार भी इंग्लिश सरप्राइज पैकिज रहा। इस बार एग्जाम में प्रश्नों की संख्या 75 से बढ़कर 90 हो गई। बढ़े हुए सभी 15 सवा इंग्लिश सेक्शन में आए। इंग्लिश में 40, जबकि बाकी 2 सेक्शन में 25-25 सवाल आए। एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले 2 सालों से इंग्लिश का सेक्शन सबसे मुश्किल आ रहा था लेकिन इस बार यह पिछले सालों की तुलना में आसान रहा। बाकी दो सेक्शन कमोबेश पिछली बार की तरह ही रहे।
वहीं छात्रों का कहना था कि पेपर लंबा हो गया और जिसने बेहतर तरीके से टाइम मैनिजमंट किया होगा, वही सफल होगा। इस बार कैट 360 नंबर का आया, जबकि पिछली बार यह 300 नंबर का था। देश के 23 शहरों में हुए इस एग्जाम में 2.76 लाख छात्र बैठे।
इस बार का कैट आईआईएम बेंगलुरु ने आयोजित किया था। एक्सपर्ट मानते हैं कि कैट में अब सवाल को काफी घुमा फिराकर पूछा जाता है। अपने सब्जेक्ट में पारंगत छात्र ही कैट को फतह कर पाते हैं। कैट के नतीजे 9 जनवरी को आएंगे।
ढाई घंटे के इस टेस्ट में पिछले 2 साल से इस टेस्ट में 75 क्वेश्चन आ रहे थे, इस बार यह संख्या बढ़कर 90 हो गई। 2005 में 90 क्वेश्चन आए थे। 2003-04 में 123 और 2002 में 150 क्वेश्चन आए थे। कैट की तैयारी कराने वाले संस्थान टाइम के डायरेक्टर उल्हास वेरागकर का कहना है कि मैथ्स और डाटा इंटरप्रिटेशन का सेक्शन तो पिछली बार की तरह ही रहा लेकिन इंग्लिश सेक्शन में छात्रों को अधिक मुश्किल नहीं आई। इंग्लिश में इस बार ग्रामर पर भी काफी जोर रहा। उनका कहना है कि पिछले 10 साल में पहली बार देखने में आया है कि इंग्लिश को इतनी अधिक अहमियत दी गई है। चूंकि, इंग्लिश सेक्शन सबसे अधिक नंबर का है इसलिए जिन छात्रों की इस सब्जेक्ट पर अच्छी पकड़ है, उसे काफी फायदा होगा। कोचिंग के डायरेक्टर रवि कुमार का कहना है कि कैट सरप्राइज की बात करें तो इस बार भी पेपर काफी अलग रहा। छात्रा सिंधु का कहना है कि क्वेश्चन बढ़ जाने के कारण परेशानी आई और इंग्लिश सेक्शन पर इस बार भी काफी कुछ निर्भर करेगा।
इस बार का कैट आईआईएम बेंगलुरु ने आयोजित किया था। एक्सपर्ट मानते हैं कि कैट में अब सवाल को काफी घुमा फिराकर पूछा जाता है। अपने सब्जेक्ट में पारंगत छात्र ही कैट को फतह कर पाते हैं। कैट के नतीजे 9 जनवरी को आएंगे।
ढाई घंटे के इस टेस्ट में पिछले 2 साल से इस टेस्ट में 75 क्वेश्चन आ रहे थे, इस बार यह संख्या बढ़कर 90 हो गई। 2005 में 90 क्वेश्चन आए थे। 2003-04 में 123 और 2002 में 150 क्वेश्चन आए थे। कैट की तैयारी कराने वाले संस्थान टाइम के डायरेक्टर उल्हास वेरागकर का कहना है कि मैथ्स और डाटा इंटरप्रिटेशन का सेक्शन तो पिछली बार की तरह ही रहा लेकिन इंग्लिश सेक्शन में छात्रों को अधिक मुश्किल नहीं आई। इंग्लिश में इस बार ग्रामर पर भी काफी जोर रहा। उनका कहना है कि पिछले 10 साल में पहली बार देखने में आया है कि इंग्लिश को इतनी अधिक अहमियत दी गई है। चूंकि, इंग्लिश सेक्शन सबसे अधिक नंबर का है इसलिए जिन छात्रों की इस सब्जेक्ट पर अच्छी पकड़ है, उसे काफी फायदा होगा। कोचिंग के डायरेक्टर रवि कुमार का कहना है कि कैट सरप्राइज की बात करें तो इस बार भी पेपर काफी अलग रहा। छात्रा सिंधु का कहना है कि क्वेश्चन बढ़ जाने के कारण परेशानी आई और इंग्लिश सेक्शन पर इस बार भी काफी कुछ निर्भर करेगा।
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