रसायनशास्त्र विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार शुरू
सागर। डॉ. हरीसिंह गौरविद्गवविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में आज बायोमेडिकल क्षेत्र में नीवन प्रवृत्तियों पर दो दिवसीय सेमीनार का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम के मुखय अतिथि राजस्थान केन्द्रीय विद्गवविद्यालय के कुलपति प्रो. एम एम सालुनके थे। सेमीनार की अध्यक्षता विद्गवविद्यालय के कुलपति एन एस गजभिये ने की। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. के एस पित्रे ने सेमीनार की रूपरेखा पर प्रकाश डाला उन्होनें बुंदेलखण्ड के गौरवशाली इतिहास एवं इस क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तियों के नामों की चर्चा कीं इन्होने विश्वविद्यालय के इतिहास पर प्रकाश डाला कि इस सागर शहर के लोग डॉ गौर को अपने हृदय में बसाये हुए हैं एवं उन्हें देवता तुल्य मानते हैं। मुखय अतिथि प्रो. सालुनके ने विद्गवविद्यालय के रसायन विभाग के शोध स्तर एवं अकादमिक गतिविधियों की सराहना की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन एस गजभिये ने कहा कि रसायन के क्षेत्र में नित नये शोध हो रहे हैं आज का युग अंतरविषय शोधों का है। इस प्रकार के शोध मानव समुदाय के लिए लाभप्रद होते हैं। विद्गवविद्यालय के अध्यापकों को अपना अधिक से अधिक समय शोध कार्यों में देना चाहिए। विभागाध्यक्ष के रूप में बोलते हुए प्रो. ओ पी श्रीवास्तव ने शोध का महत्व रेखांकित किया एवं इस दिशा में विभाग द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों की चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन सेमीनार के संगठन सचिव प्रो. ए पी मिश्रा ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में मंचासीन विद्वानों ने डॉ गौर एवं सरस्वती जी के चित्र पर मार्ल्यापण किया तदोपरांत विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी।
कार्यक्रम के उदघाटन सत्र की समाप्ति पर प्रो. आर एन यादव ने उपस्थित व्यक्तियो ंका आभार व्यक्त किया। दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार मे लगभग १२५ शोधार्थी एवं अध्यापक बायोमेडिकल के क्षेूत्र में नवीन प्रवृत्तियों के अपने शोध पत्र पढेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी एवं शोध छात्र उपस्थित थे।
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