नानाजी के प्रयासों से चित्रकूट आध्यात्मिक,धार्मिक केन्द्र बना
Bhopal:Wednesday, October 12, 2011
संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने चित्रकूट में मंगलवार को तीन दिवसीय शरदोत्सव का शुभारम्भ करते हुए कहा कि राज्य सरकार नानाजी की स्मृति में राष्ट्रीय स्तर का सम्मान स्थापित करेगी। संस्कृति मंत्री ने कहा कि नानाजी की स्मृति स्वरूप शरदोत्सव में आयोजन को भव्य स्वरूप दिया जायेगा। शरदोत्सव में पार्श्वगायक उदितनारायण ने सुमधुर भजन गाये।
श्री शर्मा ने कहा कि शासन का निरन्तर प्रयास है कि लोक संगीत का विकास और कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता रहे। उन्होंने कहा कि नानाजी के प्रयासों से चित्रकूट आध्यात्मिक,धार्मिक केन्द्र के साथ ही विकास और स्वावलम्बन का केन्द्र बन चुका है। संस्कृति मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष के शरदोत्सव में प्रसिद्ध नृत्यांगना हेमामालिनी की नृत्य नाटिका का मंचन कराने का प्रयास किया जायेगा।संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने चित्रकूट में मंगलवार को तीन दिवसीय शरदोत्सव का शुभारम्भ करते हुए कहा कि राज्य सरकार नानाजी की स्मृति में राष्ट्रीय स्तर का सम्मान स्थापित करेगी। संस्कृति मंत्री ने कहा कि नानाजी की स्मृति स्वरूप शरदोत्सव में आयोजन को भव्य स्वरूप दिया जायेगा। शरदोत्सव में पार्श्वगायक उदितनारायण ने सुमधुर भजन गाये।
ऊर्जा एवं खनिज साधन राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि शरदोत्सव के आयोजन से नानाजी की स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं। कृषि राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि नानाजी ने अपना पूरा जीवन गरीब और मजदूरों के कल्याण और खुशहाली के लिए समर्पित किया है। कार्यक्रम में विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार सहित अधिकारी एवं श्रोतागण उपस्थित थे।
संस्कृति मंत्री ने किया रामकथा चित्रांकन वीथी का शुभारम्भ
संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने चित्रकूट स्थित तुलसी शोध संस्थान में रामकथा चित्रांकन वीथी का विधिवत पूजन कर शुभारम्भ किया। रामकथा के विभिन्न प्रसंगों का चित्रांकन आकर्षक रूप से इस वीथी में किया गया है। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने तुलसी शोध संस्थान में संग्रहीत दुर्लभ पाण्डुलिपियों एवं ग्रंथों का अवलोकन किया। तुलसी शोध संस्थान के निदेशक प्रो. अवधेश पाण्डेय ने बताया कि संस्थान में 531दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ संग्रहीत हैं।
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