नानाजी स्मृति ब्याख्यान माला का शुभारंभ
Satna:Tuesday, October 11, 2011
उच्च शिक्षा, जनसंपर्क, संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि महात्मा गॉधी ग्रामोदय चित्रकूट विश्वविद्यालय में प्रख्यात समाजसेवी राष्ट्रऋषि नानाजी की स्मृति मे पीठ की स्थापना की जायेगी।
उच्च शिक्षा, जनसंपर्क, संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि महात्मा गॉधी ग्रामोदय चित्रकूट विश्वविद्यालय में प्रख्यात समाजसेवी राष्ट्रऋषि नानाजी की स्मृति मे पीठ की स्थापना की जायेगी।
जनसंपर्क मंत्री चित्रकूट मे विष्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं चित्रकूट विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित नानाजी स्मृति व्याख्यान माला के शुभारंभ अवसर पर ‘‘युगानुकूल सामाजिक पुनर्रचना एवं अनुसंधान : संभावानाएं एवं चुनौतियां’’ विषय पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात पत्रकार चिंतक श्री अच्युतानंद मिश्र ने की। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव भरत पाठक, संगठन मंत्री अभय महाजन, कुलपति प्रो. कृष्णबिहारी पाण्डेय भी उपस्थित थे।
जनसंपर्क मंत्री ने नानाजी के आत्मीय स्नेह का पुण्य स्मरण करते हुये कहा कि नानाजी द्वारा संस्थापित किये गये संस्थान मे सभी गतिविधियां समय पर और अनुशासित ढंग से पूरी होनी चाहिये। नानाजी की परिकल्पना के अनुसार संस्कारयुक्त अच्छी और सुलभ शिक्षा के लिये अच्छे मन से प्रयास करे यहीं उनके प्रति सच्ची श्रंद्धाजंलि होगी।
जनसंपर्क मंत्री ने नानाजी के आत्मीय स्नेह का पुण्य स्मरण करते हुये कहा कि नानाजी द्वारा संस्थापित किये गये संस्थान मे सभी गतिविधियां समय पर और अनुशासित ढंग से पूरी होनी चाहिये। नानाजी की परिकल्पना के अनुसार संस्कारयुक्त अच्छी और सुलभ शिक्षा के लिये अच्छे मन से प्रयास करे यहीं उनके प्रति सच्ची श्रंद्धाजंलि होगी।
उन्होंने कहा कि नानाजी एक संत के रूप मे समाज के लिये प्रेरणा हैं। यह विश्वविद्यालय गतिशील रहे और नये-नये विभाग स्थापित हो यह प्रयास किये जायेगें। उन्होने कहा कि नानाजी की स्मृति मे विश्वविद्यालय मे पीठ की स्थापना के लिये सभी औपचारिकताए पूरी कर ली गई है।
मुख्य वक्ता श्री अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि नानाजी का जीवन तथा उनका ब्यक्तित्व और कृतित्व बहुआयामी है जिन्हे एक ब्याख्यान या पुस्तक मे समेटना जैसा कार्य असंभव है। उन्होने कहा कि नानाजी ने भारतीय समाज के स्वावलम्बन की जो परिकल्पना की थी उनमे पहला सूत्र शिक्षा थी। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय उनके सपनो का विश्वविद्यालय है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा ने नानाजी की स्मृतियो पर आधारित स्मारिका ग्रामोदय का भी विमोचन किया। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.बी. पाण्डेय ने जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा एवं चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री मिश्र सहित अतिथियो को शाल-श्रीफल तथा कामतानाथ जी की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्य वक्ता श्री अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि नानाजी का जीवन तथा उनका ब्यक्तित्व और कृतित्व बहुआयामी है जिन्हे एक ब्याख्यान या पुस्तक मे समेटना जैसा कार्य असंभव है। उन्होने कहा कि नानाजी ने भारतीय समाज के स्वावलम्बन की जो परिकल्पना की थी उनमे पहला सूत्र शिक्षा थी। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय उनके सपनो का विश्वविद्यालय है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा ने नानाजी की स्मृतियो पर आधारित स्मारिका ग्रामोदय का भी विमोचन किया। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.बी. पाण्डेय ने जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा एवं चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री मिश्र सहित अतिथियो को शाल-श्रीफल तथा कामतानाथ जी की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ मे उच्च शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा ने नानाजी, वाल्मीकि और मॉ सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण एवं समक्ष दीप प्रज्जलन कर दो दिवसीय व्याख्यान माला का शुभारंभ किया। इसके पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने विष्वविद्यालय परिसर मे नवनिर्मित माता अनुसुईयां कन्या छात्रावास के भवन का लोर्कापण किया।


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