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Tuesday, July 19, 2011

प्रदेश में संस्कृत के अध्ययन-शोध के समन्वित प्रयास करें

       पतंजलि संस्कृत संस्थान की साधारण परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान
Bhopal:Monday, July 18, 2011
  मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में संस्कृत के अध्ययन, अध्यापन, शोध और प्रशिक्षण के समन्वित प्रयास किये जाये। श्री चौहान आज महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान की साधारण परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में वित्त मंत्री श्री राघवजी, स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस, परिषद के अध्यक्ष आचार्य मिथिला प्रसाद त्रिपाठी सहित सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संस्थान के लिये तैयार किये गये विनियम का परीक्षण वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग से करवाया जाये। संस्थान में संस्कृत शिक्षकों के भर्ती नियम शीघ्र बनाये जाये। उन्होंने कहा कि शासकीय संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थियों को अन्य शासकीय स्कूलों की तरह छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव बनाये। मुख्यमंत्री ने संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देने को कहा।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के गौरव को प्रचारित करने के लिये तीर्थ, नदी, नगरी, वनस्पति, पर्व, रचनाकार आदि पर व्याख्यान करवाये जायेंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान को सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाये जायेंगे।

‘‘मध्यप्रदेश की लोक भाषाओं में कहावतें’’ का विमोचन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस मौके पर ‘मध्यप्रदेश की लोक भाषाओं में कहावतें’ पुस्तक का विमोचन भी किया। पुस्तक को लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसमें सभी अंचलों से दादी-नानी के मुहँ से निकली वह वाणी है, जो जीवन के मूल्यों को प्रत्येक पीढ़ी को पहुँचाती है। पुस्तक में प्रदेश के विकासखंड, जिला तथा राज्य स्तर पर स्कूलों में प्रयास कर अप्रचलित कहावतों को एकत्रित किया गया है।

इस मौके पर प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री बी.आर. नायडू, प्रमुख सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री मदन मोहन उपाध्याय, आयुक्त लोक शिक्षण श्री अशोक वर्णवाल और आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री मनोज झालानी उपस्थित थे।

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