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Saturday, June 18, 2011

मध्यप्रदेश में खुले रंगमंचीय संस्कृति के नये द्वार

मध्यप्रदेश ने सरकारी क्षेत्र में देश के पहले नाट्य विद्यालय की परिकल्पना को आज साकार कर दिखाया। इसके साथ ही प्रदेश में रंगमंचीय संस्कृति की परवरिश और इसे निरंतर विस्तारित करने की अनूठी कोशिश का सूत्रपात भी हो गया। पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथों आज नाट्य विद्यालय के लोकार्पण अवसर पर इस स्कूल में दाखिला ले चुके प्रदेश और देश के कोई 25 छात्र-छात्राओं के ‘‘नांदी पाठ’’ की संगीतमय प्रस्तुति से समूचे माहौल में इस नई परम्परा के स्वागत की हिलौरें उठ चलीं।
पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने राजधानी के रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप परिसर में मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और पद्मश्री गुलवर्द्धन की तस्वीर पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। वे इस विशिष्ट सांस्कृतिक उपलब्धि के मौके पर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कमला आडवाणी और पुत्री सुश्री प्रतिभा आडवाणी के साथ उपस्थित हुए थे। समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के अलावा राज्य सभा की पूर्व उप सभापति श्रीमती नजमा हेपतुल्लाह, संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा तथा देश के जाने-माने रंगकर्मी, नाट्य और फिल्म निर्देशक मौजूद थे।

नांदी पाठ से हुआ आगाज

मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के लोकार्पण के बाद अत्यंत प्रासंगिक तौर पर विद्यालय की पहली बैच के दो दर्जन छात्र-छात्राओं ने नांदी पाठ की संगीतमय प्रस्तुति की। इसमें देवों और वेदों पर केन्द्रित माँगलिक रचनाओं के समूह गान ने समूचे वातावरण में यह अहसास घोल दिया कि मध्यप्रदेश में नाट्य संस्कृति के उत्थान की साध पूरी होकर रहेगी। रंगकर्म संगीत और वाद्यों के उपयोग के बगैर अधूरा है। नाटक के कथानक की अभिव्यक्तियाँ संगीत में गूँथकर ही इसे जीवंत करती हैं। इस सच्चाई के दृष्टिगत ही नाट्य विद्यालय के शुभारंभ को नांदी पाठ से जोड़ा गया था। इसकी कड़ियों में देवी सरस्वती, महाकवि तुलसीदास, भारतेंदु और निराला की रचनाओं को भी शामिल किया गया। स्कूल के निदेशक श्री संजय उपाध्याय ने भी इस नांदी पाठ में शिरकत करते हुए एकल प्रस्तुति दी। इसमें मध्यप्रदेश के 18 और अन्य राज्यों के 8 छात्र-छात्राएँ सम्मिलित हुए। उप-प्रधानमंत्री श्री आडवाणी और वहाँ उपस्थित सारे अतिथियों ने मंत्र-मुग्ध होकर नांदी पाठ का रस लिया।

मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय कायम करने का सपना सिर्फ दो साल पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने देखा था। वे इस स्कूल में प्रदेश और देश की रंगमंच प्रतिभाओं को सिर्फ बढ़ावा देना ही नहीं चाहते हैं, बल्कि इस विधा को इन प्रतिभाओं के लिये रोजगार पाने का माध्यम बनाने की मंशा भी संजो चुके हैं।

250 में से चुनीं 25 प्रतिभाएँ

मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय की शुरूआती बैच के लिये देश के विभिन्न हिस्सों से कोई 250 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से नाट्य विधा की विभिन्न तकनीकी कसौटियों पर खरा उतरने वाली कुल 25 प्रतिभाओं का चयन किया गया है। यहाँ श्रेष्ठ गुरुओं के माध्यम से अध्ययन और अध्यापन दोनों ही व्यवस्थाएँ रहेंगी। इस शिक्षा का पाठ्यक्रम दो से तीन वर्षों का रहेगा।

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