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Thursday, July 15, 2010

सुनहरें भविष्य के लिये सभी बच्चों को स्कूलों से जोड

 बैडमिन्टन खिलाड़ी सायना  भी शामिल हुए स्कूल चले हम अभियान में
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि स्कूल ऐसे माध्यम हैं जो बच्चों को पढ़ने, खेलने व एक दूसरे से जुड़ने का अवसर देते हैं, साथ ही बच्चों के सुनहरें भविष्य का आधार भी तैयार करते हैं। इसीलिए सभी बच्चे स्कूल जायें और अच्छी शिक्षा ग्रहण करें।

 श्रीमती अर्चना चिटनीस आज स्कूल चलें हम अभियान के तहत ग्वालियर के शासकीय पदमा कन्या विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने जनप्रतिनिधियों और शिक्षाविदों आह्वान किया कि सभी मिलजुल कर स्कूल चलें हम अभियान को जन आन्दोलन बनायें और पढ़ने योग्य शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूलों से जोड़ें। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने की। 

विश्व स्तर पर बैडमिण्टन में भारत का नाम रोशन करने वाली अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिन्टन खिलाड़ी सुश्री सायना नेहवाल व पद्मश्री पुलेला गोपीचंद भी प्रदेश सरकार की पहल पर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये स्कूल चलें हम अभियान के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक श्री संजय चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद थीं।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने शिक्षकों व पालकों से कहा कि वे बच्चों को पूरी मेहनत व लगन के साथ शिक्षा अर्जित करने के लिये प्रेरित करें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों को इस प्रकार से शिक्षित करें कि उनमें पढ़ाई के प्रति रूचि जागृत हो और वे पढ़-लिख कर आत्म निर्भर बनने के साथ-साथ अच्छे नागरिक बन सकें। 

श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न खेल विधाओं में भी पराक्रम दिखायें। श्रीमती सिंधिया ने कार्यक्रम में मौजूद बालिकाओं का आह्वान किया कि ग्वालियर में मौजूदा खेल सुविधाओं का लाभ उठाकर अच्छी खिलाड़ी बनें और देश का नाम रोशन करें।

कार्यक्रम में श्रीमती अर्चना चिटनीस व सुश्री सायना नेहवाल सहित अन्य अतिथियों ने बच्चों को पुस्तकें व गणवेश भी बाँटे। अतिथियों ने इस अवसर पर पट्टी (स्लेट) पूजन भी किया और यह पट्टियाँ नन्ही-मुन्ही बालिकाओं को दी गई। सुश्री सायना नेहवाल ने 5 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाने की शपथ दिलाई। साथ ही शाला त्यागी बच्चों को पुन: शाला से जोड़ने का संकल्प भी दिलाया।
क्या मैं भी सायना बन सकती हूँ

विश्व विख्यात बैडमिन्टन खिलाड़ी सायना नेहवाल व पद्मश्री पुलेला गोपीचंद को अपने बीच पाकर शासकीय पदमा विद्यालय की बालिकायें गदगद थीं और उनमें सायना नेहवाल को लेकर भारी उत्साह था। प्रदेश सरकार की पहल पर स्कूल चलें हम अभियान को जन आन्दोलन बनाने की कड़ी में उक्त दोनों अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिन्टन खिलाड़ी आज ग्वालियर पहुँचे थे। 

हाल में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सिंगापुर ओपन बैडमिन्टन चैम्पियनशिप जीतकर आईं सायना नेहवाल से पद्मा विद्यालय की बालिकाओं ने खुलकर सवाल किये। सायना ने हर सवाल का बड़ी संजीदगी से जवाब दिया।

एक बालिका का प्रश्न था क्या में भी सायना बन सकती हूँ? इस पर अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिन्टन खिलाड़ी सायना नेहवाल का जवाब था, क्यों नहीं। उनका कहना था मैं भी आप ही की तरह एक सामान्य लड़की हूँ और पिता व गुरूओं के मार्गदर्शन तथा दृढ़ निश्चय की बदौलत आज इस मुकाम पर पहुँची हूँ।

एक अन्य छात्रा के सवाल के जवाब में सुश्री सायना नेहवाल ने कहा कि जो भी काम हो उसे पूरी मेहनत व लगन से करना चाहिये। मैंने यही किया, जब पढ़ना होता था तब एकाग्रता से पढ़ाई की और जब खेलना हुआ तब उसी एकाग्रता से खेली। 

एक और बालिका ने पूछा कि आप बचपन में क्या बनने की सोचती थीं? इस पर सुश्री सायना का जवाब था कि मेरे पापा मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे, पर मेरी रूचि बैडमिन्टन में थी। मेरे दृढ़ निश्चय व रूचि को देखकर मेरे माता-पिता ने मुझे पूरा सहयोग व प्रोत्साहन दिया और उसका नतीजा आप सबके सामने है। बालिकाओं की अन्य जिज्ञासाओं का समाधान भी सुश्री सायना नेहवाल ने किया।

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