डेढ़ करोड़ विद्यार्थी को मिला राज्य सरकार की इस सुविधा का लाभ
मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलों में पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जुलाई के पहले हफ्ते तक पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी गईं। जुलाई में नवप्रवेशी विद्यार्थियों को स्कूलों में संग्रहित कर रखी गई पाठ्य पुस्तकें वितरित की जा रही हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने अप्रैल माह में स्कूल खुलने के पहले चरण में 60 प्रतिशत विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें सुलभ करा दी थीं। शेष 40 प्रतिशत विद्यार्थियों को जुलाई में स्कूल खुलने पर पाठ्य पुस्तकें वितरित कराई गई हैं। इस प्रकार दो चरणों में कुल डेढ़ करोड़ विद्यार्थी राज्य सरकार की इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं।उल्लेखनीय है कि पूर्व के वर्षों में दिसम्बर-जनवरी माह तक पाठ्य पुस्तकें विद्यार्थियों तक पहुंचने की शिकायतें प्राप्त होती थी। स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने इस पर गंभीरतापूर्वक कार्यवाही कर अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वर्ष 2010 से स्कूल खुलने पर ही बच्चों को पुस्तकें मिल जानी चाहिये।
इसमें कोई लेट-लतीफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उनके निर्देश पाकर स्कूल शिक्षा विभाग ने जहां सतर्कता बरती वहीं पाठ्य पुस्तक निगम की गतिविधियों में भी अपेक्षित रूप से तेजी आयी और समय पर पाठ्य पुस्तकें पहले डिपो फिर स्कूलों तक पहुंच सकीं।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने पाठ्य पुस्तक वितरण व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अगले वर्ष से इस व्यवस्था में और सुधार लाया जायेगा। कोशिश होगी कि अप्रैल में ही शत-प्रतिशत विद्यार्थियों को पुस्तकें मिल जायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने पाठ्य पुस्तक वितरण व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अगले वर्ष से इस व्यवस्था में और सुधार लाया जायेगा। कोशिश होगी कि अप्रैल में ही शत-प्रतिशत विद्यार्थियों को पुस्तकें मिल जायें।
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