३० सीटों पर स्थानीयता के आधार प्रवेश देने की मांग
मप्र में शिक्षण संस्थानों मे राजनीति के बढते दखल का एक मामला सागर में सामने आया है। जिसमें सागर विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग मे एम फार्म पाठ्यक्रम के लिए मंगलवार को शुरू होने वाली राष्ट्रस्तरीय काउंसिलिंग की प्रक्रिया भाजपा विधायक द्वारा विभाग के प्रवेश द्वारा पर धरना देने से शुरू नहीं हो सकी।
जानकारी के मुताबिक डॉ० हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बीफार्म पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राएं एम फार्म पाठ्यक्रम मे ३० सीटों पर स्थानीयता के आधार प्रवेश देने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था की बीते वर्ष उनकी इसी मांग को कुलपति एनएस गजभिए ने लिखित मे मंजूरी दी थी। इसी के चलते छात्र अपनी मांगे पूरी नहीं होने तक विवि प्रशासन से एम फार्म की काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं किए जाने की भी मांग कर रहे थे। लेकिन यह मामला सोमवार को उस समय गरमा गया जब बी फार्म के विद्यार्थियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए विवि प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए विभाग की तालाबंदी कर उसके प्रवेश द्वारा पर तंबू लगाकर भूख हड़ताल शुरू कर दी।
लेकिन विवि प्रशासन ने इसे गैरकानूनी बताकर पुलिस को बुला लिया। सिविल लाईन थाना प्रभारी ने भी फिल्मी अंदाज में हड ताली छात्रों का तंबू उखड वाकर करीब एक दर्जन हड ताली छात्रों को गिरतार कर लिया। जबकि छात्रों के मुताबिक उन्होंने बाकायदा भूख हड ताल पर जाने की पूर्व सूचना विवि के कुलसचिव, जिला पुलिस अधीक्षक व सिटी मजिस्टे्रट को दे दी थी।
छा़त्रों के साथ विवि प्रशासन व पुलिस द्वारा किए गए सुलूक को मुद्दा बनाकर सागर के विधायक शैलेन्द्र जैन के नेतृत्व में पार्टी के जिला महामंत्री श्याम तिवारी, मप्र मार्केटिंग फेडरेशन के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र पाठक आदि ने सोमवार को शाम को कुलपति से चर्चा की। करीब ढाई घण्टे लंबी चली चर्चा के बाद विधायक शैलेन्द्र जैन ने हड ताली छात्र-छात्राओं को बताया कि एम फार्म की काउंसिलिंग स्थगित कर दी गई है। लेकिन देर रात मे विवि प्रशासन द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर काउंिसलिग के यथावत होने की सूचना जारी कर दी।
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय को कुलपति की वादाखिलाफी बताकर मंगलवार को सुबह से ही विधायक शैलेन्द्र जैन भाजपा जिलाध्यक्ष सुधा जैन, महापौर किन्नर कमला बाई, जिला महामंत्री श्याम तिवारी सहित ५० से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ विवि के फार्मेसी विभाग के प्रवेश द्वारा पर धरना देकर एम फार्म मे प्रवेश की काउंिसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं होने दी।
काउंसिलिंग की प्रक्रिया रूकने से डॉ० हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की राष्ट्रस्तर पर आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा को पास कर एम फार्म पाठ्यक्रम मे प्रवेश लेने देश भर से आए छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक दिनभर परेशान होते रहे। विवि प्रशासन की ओर से कोई उनकी सुध लेने नहीं आया।
भाजपा के धरने शुरू होने के करीब दो घण्टे बाद सागर के सांसद भूपेन्द्र सिंह भी धरना स्थल पर आए। इस मामले मे छात्र हित मे उन्होने कुलपति से चर्चा की। सांसद से चर्चा के बाद विवि के कुलसचिव ने एक लिखित आदेश जारी कर अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए एम फार्म की काउंसिलिंग स्थगित कर दी। काउसिंलिंग स्थगित किए जाने की सूचना मिलते ही भाजपाईयों का धरना समाप्त हो गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय को कुलपति की वादाखिलाफी बताकर मंगलवार को सुबह से ही विधायक शैलेन्द्र जैन भाजपा जिलाध्यक्ष सुधा जैन, महापौर किन्नर कमला बाई, जिला महामंत्री श्याम तिवारी सहित ५० से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ विवि के फार्मेसी विभाग के प्रवेश द्वारा पर धरना देकर एम फार्म मे प्रवेश की काउंिसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं होने दी।
काउंसिलिंग की प्रक्रिया रूकने से डॉ० हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की राष्ट्रस्तर पर आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा को पास कर एम फार्म पाठ्यक्रम मे प्रवेश लेने देश भर से आए छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक दिनभर परेशान होते रहे। विवि प्रशासन की ओर से कोई उनकी सुध लेने नहीं आया।
भाजपा के धरने शुरू होने के करीब दो घण्टे बाद सागर के सांसद भूपेन्द्र सिंह भी धरना स्थल पर आए। इस मामले मे छात्र हित मे उन्होने कुलपति से चर्चा की। सांसद से चर्चा के बाद विवि के कुलसचिव ने एक लिखित आदेश जारी कर अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए एम फार्म की काउंसिलिंग स्थगित कर दी। काउसिंलिंग स्थगित किए जाने की सूचना मिलते ही भाजपाईयों का धरना समाप्त हो गया।
इस सिलसिले मे सांसद भूपेन्द्र सिंह ने भाषा को बताया कि कुलपति एम फार्म की काउंसिलिंग स्थगित करने के लिए मान गए हैं । बीफार्म के स्थानीय छात्रों के लिए ३० स्थान आरक्षित करने के मुद्दे पर कुलपति से अलग से चर्चा की जाएगी।
जबकि इस सारे मामले में फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष एमडी खरया का कहना है कि छात्रों की मांग जायज नहीं है। बीते साल विवि ने एम फार्म मे प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की थी इसलिए स्थानीय छात्र-छात्राओं के ३० स्थानों पर प्रवेश दे दिया गया था। लेकिन इस बार विवि ने एमफार्म मे प्रवेश् के लिए राष्ट्र स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजित की है इसीलिए प्रवेश मेरिट के आधार ही दिए जा सकते है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम २००९ के मुताबिक प्रवेश के लिए स्थानीयता के आधार पर किसी भी तरह के आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
जबकि इस सारे मामले में फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष एमडी खरया का कहना है कि छात्रों की मांग जायज नहीं है। बीते साल विवि ने एम फार्म मे प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की थी इसलिए स्थानीय छात्र-छात्राओं के ३० स्थानों पर प्रवेश दे दिया गया था। लेकिन इस बार विवि ने एमफार्म मे प्रवेश् के लिए राष्ट्र स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजित की है इसीलिए प्रवेश मेरिट के आधार ही दिए जा सकते है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम २००९ के मुताबिक प्रवेश के लिए स्थानीयता के आधार पर किसी भी तरह के आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
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