उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में आज मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की बैठक सम्पन्न हुई। श्री शर्मा ने अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के विक्रय के लिए सभी विश्वविद्यालयों में विक्रय केन्द्र बनाने के निर्देश दिये है।
विश्वविद्यालय अपने परिसर में विक्रय केन्द्र उपलब्ध करायेंगे और वहॉ पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में पुस्तकें उपलब्ध होने से विद्यार्थी सरलता से पुस्तकें खरीद सकेंगे।उच्च शिक्षा मंत्री आज यहॉ मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की कार्य परिषद और प्रबंधक मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. निशा दुबे, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पी.के. मिश्रा, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस.के. सिंह, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री शिवपाल अहलावत, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जयदीप गोविंद भी उपस्थित थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा अकादमी का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है। सस्ती कीमत पर विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करना अकादमी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि नये लेखकों को भी जोड़ा जाए। एक विषय में एक से अधिक लेखकों के पुस्तकों के प्रकाशन पर भी विचार किया जाए ताकि गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन विद्यार्थियों को मिल सकें।
सेमेस्टर पद्धति की पुस्तकें समय पर विद्यार्थियों को मिले ऐसा सुनिश्चित किया जाए। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि समय पर आडिट आपत्तियों का निराकरण नहीं कराने के लिए जबावदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने चार पुस्तकों पर्यटन के इतिहास का अनुपयोग, विशिष्ट बालक, गांधीवादी विचारधारा और प्रासंगिकता और मनोजगत की झलकियॉ का विमोचन किया। श्री शर्मा ने निर्देश दिये कि अकादमी महत्वपूर्ण विषयों पर विद्वानों की व्याख्यान मालाऍ आयोजित करें। इसमें उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को जोड़ा जाए। बैठक में उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने अपने सुझाव दिये।
उच्च शिक्षा मंत्री ने चार पुस्तकों पर्यटन के इतिहास का अनुपयोग, विशिष्ट बालक, गांधीवादी विचारधारा और प्रासंगिकता और मनोजगत की झलकियॉ का विमोचन किया। श्री शर्मा ने निर्देश दिये कि अकादमी महत्वपूर्ण विषयों पर विद्वानों की व्याख्यान मालाऍ आयोजित करें। इसमें उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को जोड़ा जाए। बैठक में उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने अपने सुझाव दिये।
0 comments:
Post a Comment