सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिये केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत राशि दे
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल से भंेट की और प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा देने के लिए 5500 करोड़ रूपये की मांग की।
सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिये केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत राशि दे। 10 प्रतिशत राशि राज्य वहन करेगा। वर्तमान में केन्द्र का 55 प्रतिशत और राज्यों का 45 प्रतिशत का अनुपात रखा गया है ।श्री चौहान ने श्री सिब्बल का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश में केन्द्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अनुशंसा के अनुसार छठवे वेतन आयोग का लाभ प्रदेश के महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को दिया गया है। अब एरियर के भुगतान के लिये 418 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र भारत सरकार द्वारा जारी की जाय। केन्द्र से राशि मिलने के बाद प्रदेश सरकार एरियर का भुगतान करेगी।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के 201 शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े विकास खंडों में कस्तूरबा गांधी मॉडल स्कूल एवं गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिये 38 लाख रूपये स्वीकृत है जो कि कम है। इसे बढ़ाकर 85 लाख रूपये प्रति स्कूल एवं हॉस्टल के मान से राशि स्वीकृत की जाये।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के 201 शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े विकास खंडों में कस्तूरबा गांधी मॉडल स्कूल एवं गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिये 38 लाख रूपये स्वीकृत है जो कि कम है। इसे बढ़ाकर 85 लाख रूपये प्रति स्कूल एवं हॉस्टल के मान से राशि स्वीकृत की जाये।
शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण अकेडमिक अथॉरिटी द्वारा किया जाना है। अब तक भारत सरकार ने इसका गठन नहीं किया है। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। इसी प्रकार सर्व शिक्षा अभियान के मानदंड निर्धारित नहीं किये गये हैं।
इससे शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अपेक्षायें पूरी करने में कठिनाई आयेगी। प्रदेश में स्थापित होने वाले एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है जबकि मध्यप्रदेश में भोपाल के निकट 600 एकड़ जमीन इसके लिये चयनित की गयी है। इसका प्रस्ताव भी मानव संसाधन मंत्रालय को भेज दिया गया है।
सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विद्यालय का दर्जा दिये जाने के बाद बुंदेलखंड क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए स्वीकृति दी जाये और केन्द्रीय विद्यालय के लिये हस्तांतरित की गयी 400 करोड़ रूपये की चल-अचल सम्पत्ति के बराबर की राशि विशेष अनुदान के रूप में विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिये दी जाये।
श्री चौहान ने प्रदेश के सिंगरौली में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद की एक शाखा खोलने की अनुमति पूर्व में सिंगरौली में दी गयी थी। किन्तु अब तक मंत्रालय ने आवश्यक स्वीकृति जारी नहीं की है। मध्यप्रदेश सरकार ने जमीन आदि उपलब्ध करा दी है। आवश्यक स्वीकृति शीघ्र जारी की जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. जोशी से मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी से भेंट की और उनसे प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिये शीघ्र राशि जारी करने का आग्रह किया। जून 2008 से अब तक इस योजना के लिए कोई नई स्वीकृति नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. जोशी से मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी से भेंट की और उनसे प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिये शीघ्र राशि जारी करने का आग्रह किया। जून 2008 से अब तक इस योजना के लिए कोई नई स्वीकृति नहीं मिली है।
अतः नये मागों के लिए शीघ्र स्वीकृति दी जाये। प्रदेश में 15 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण की क्षमता विकसित कर ली गयी है। प्रदेश में अब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 37 हजार किलोमीटर सड़कें बनायी जा चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रदेश में 23 हजार किलोमीटर सड़कें और बन जाने से प्रदेश के ज्यादातर गांव सड़कों से जुड़ जायेंगे। डॉ. जोशी ने मध्यप्रदेश की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की लंबित परियोजनाओं को शीध्र स्वीकृत किये जाने का आश्वासन दिया। डॉ. जोशी से मुलाकात के अवसर पर राज्य मंत्री ग्रामीण विकास श्री प्रदीप जैन भी उपस्थित थे।
श्री चौहान ने डॉ. जोशी का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि इंदिरा आवास योजना के तहत प्रदेश के मात्र दो लाख आवासहीन बताये गये हैं जबकि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है। अतः प्रदेश में इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिये अधिक धनराशि आवंटित की जाये। ऐसा प्रतीत होता है कि जनगणना में मध्यप्रदेश के वर्गीकरण में कुछ समस्या है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के 12 जिलों के लिये आजीविका परियोजना स्वीकृत करने के लिये ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. जोशी के प्रति आभार व्यक्त किया।
श्री चौहान ने डॉ. जोशी का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि इंदिरा आवास योजना के तहत प्रदेश के मात्र दो लाख आवासहीन बताये गये हैं जबकि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है। अतः प्रदेश में इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिये अधिक धनराशि आवंटित की जाये। ऐसा प्रतीत होता है कि जनगणना में मध्यप्रदेश के वर्गीकरण में कुछ समस्या है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के 12 जिलों के लिये आजीविका परियोजना स्वीकृत करने के लिये ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. जोशी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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