देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में विद्यार्थी उपाधियों से अलंकृत
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रामेश्वर ठाकुर ने आज इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में कहा कि युवा पीढ़ी को हर कदम पर समुचित मार्गदर्शन दिया जाये। दीक्षित विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने युवा पीढ़ी को स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ समाजिक सरोकारों से परिपूर्ण बनाने पर बल दिया।
राज्यपाल श्री ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में देश का एज्यूकेशन हब बनने की प्रबल संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को जमीनी धरातल पर साकार करने के लिए शिक्षाविदों और प्रबंधन से जुड़े लोगों को मिलजुलकर कार्य करना होगा। शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों की क्षमता और कौशल का विकास सुनिश्चित करना होगा। शिक्षकों को विद्यार्थियों का मार्गदर्शक बनना होगा, तब ही दीक्षित होने वाले विद्यार्थियों को समाज में सम्मान मिलेगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को ज्ञान और शिक्षा के उत्कृष्ट केन्द्र निरूपित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में ज्ञानार्जन की जिज्ञासा का परिमार्जन यहीं होता है। इसलिए विश्वविद्यालयों को अपनी गतिविधियों का उत्कृष्ट संचालन सुनिश्चित करना चाहिए। श्री ठाकुर ने ज्ञान को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारा अतीत सुनहरा था और भविष्य उज्जवल है।दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया ने समाज के नव-निर्माण में विद्यार्थियों की सहभागिता को आवश्यक बताया। समारोह में सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने अच्छी शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
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