विक्रम विश्वविद्यालय का 19वां दीक्षान्त समारोह आज राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री श्री पारस जैन, डॉ.मंगला राय, अध्यक्ष राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी नई दिल्ली
सहित कई विद्वतजन, जनप्रतिनिधि और पत्रकार सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। दीक्षान्त समारोह में 175 स्नातकोत्तर उपाधि, 19 गोल्ड मेडल विभिन्न संकायों में एवं 46 पीएचडी उपाधि छात्र-छात्राओं को दी गई।राज्यपाल श्री ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल से ही स्नातको के अध्ययन की समाप्ति के बाद आश्रम से घर वापस पहुँचने के अवसर पर समावर्तन संस्कार आयोजित किया जाता था। समारोह में प्रमुख आचार्य विद्यार्थियों को उनके विद्यार्थी जीवन की पूर्णता पर अनेक वैदिक सूक्तों के पाठ द्वारा देवताओं के स्तवन और हवन आदि के पश्चात् अन्तिम उपदेश देते थे, इसे 'दीक्षान्त उपदेश' कहा जाता था।
राज्यपाल ने दीक्षित किये जा रहे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि वे देश, समाज और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में हमेशा अग्रणी रहें। शिक्षा को भौतिक उपलब्धियाँ अर्जित करने का साधन मात्र नहीं बनायें। जीवन में निरन्तरता से आगे बढ़ते रहें तथा परिवर्तन और प्रगति के नये स्वरूप को स्वीकार करें।
उपाधिधारक मान-सम्मान की जिम्मेदारी का निर्वहन करें
श्री मंगला राय ने दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में उपाधि ग्रहणकर्ताओं से कहा कि सदैव दूसरों के सुख में सुखी होना सीखें, इससे जीवन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। उन्होंने कहा कि उपाधिधारकों पर आज से पदवी के मान सम्मान और उसके माध्यम से देश के उन्नयन और विकास की जिम्मेदारी आ गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री के सन्देश का वाचन
दीक्षान्त समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा के सन्देश का वाचन किया गया। अपने सन्देश में उच्च शिक्षा मंत्री ने दीक्षित होने वाले विद्यार्थियों के लिये अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आयोजनकर्ताओं को बधाई दी।
उपाधि प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं एवं बधाई
राज्य मंत्री श्री पारस जैन ने दीक्षान्त समारोह में उपाधि प्राप्तकर्ताओं को हार्दिक शुभकामना एवं बधाई देते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में गुरू शिष्य परम्परा का बखूबी निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ने विभिन्न वैज्ञानिक, साहित्यकार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और राजनेताओं का सृजन किया है।
दीपचंद गार्डी को मानद उपाधि
दीक्षान्त समारोह में समाजसेवी एवं आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के श्री दीपचंद गार्डी को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। 96 वर्षीय श्री गार्डी ने सम्बोधित करते हुए सभी को निरन्तर आगे बढ़ते रहने की शुभकामनाएं दीं।
कुलपति ने शपथ दिलाई
कुलपति श्री शिवपालसिंह अहलावत ने समारोह में दीक्षित होने वाले स्नातकों को बड़ों की आज्ञा मानने, गुरूजनों का सम्मान करने एवं देश के उन्नयन एवं विकास में अपना योगदान देने की शपथ दिलाई।
उपाधिधारक मान-सम्मान की जिम्मेदारी का निर्वहन करें
श्री मंगला राय ने दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में उपाधि ग्रहणकर्ताओं से कहा कि सदैव दूसरों के सुख में सुखी होना सीखें, इससे जीवन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। उन्होंने कहा कि उपाधिधारकों पर आज से पदवी के मान सम्मान और उसके माध्यम से देश के उन्नयन और विकास की जिम्मेदारी आ गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री के सन्देश का वाचन
दीक्षान्त समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा के सन्देश का वाचन किया गया। अपने सन्देश में उच्च शिक्षा मंत्री ने दीक्षित होने वाले विद्यार्थियों के लिये अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आयोजनकर्ताओं को बधाई दी।
उपाधि प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं एवं बधाई
राज्य मंत्री श्री पारस जैन ने दीक्षान्त समारोह में उपाधि प्राप्तकर्ताओं को हार्दिक शुभकामना एवं बधाई देते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में गुरू शिष्य परम्परा का बखूबी निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ने विभिन्न वैज्ञानिक, साहित्यकार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और राजनेताओं का सृजन किया है।
दीपचंद गार्डी को मानद उपाधि
दीक्षान्त समारोह में समाजसेवी एवं आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के श्री दीपचंद गार्डी को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। 96 वर्षीय श्री गार्डी ने सम्बोधित करते हुए सभी को निरन्तर आगे बढ़ते रहने की शुभकामनाएं दीं।
कुलपति ने शपथ दिलाई
कुलपति श्री शिवपालसिंह अहलावत ने समारोह में दीक्षित होने वाले स्नातकों को बड़ों की आज्ञा मानने, गुरूजनों का सम्मान करने एवं देश के उन्नयन एवं विकास में अपना योगदान देने की शपथ दिलाई।
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