न्यायालयों में बड़ी संख्या में नेगोशिएबिल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट के उल्लंघन के मामले
म.प्र. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री जस्टिस डी.एम. धर्माधिकारी ने आज यहां एक पूर्व जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री के.के. भारद्वाज द्वारा लिखी गई पुस्तक 'डिसऑनर ऑफ चेक्स' का विमोचन किया। इस अवसर पर लोकायुक्त श्री जस्टिस पी.पी. नावलेकर, श्री जस्टिस एन.के. जैन,
श्री जस्टिस एस.के. चावला, श्री जस्टिस नारायण सिंह आजाद, मानव अधिकर आयोग के सदस्य श्री जस्टिस ए.के. सक्सेना, भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुभाष काकड़े, आयोग के रजिस्ट्रार श्री डी.के. पुराणिक, प्रमुख सचिव श्री राकेश अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।श्री धर्माधिकारी ने कहा कि देश के न्यायालयों में बड़ी संख्या में नेगोशिएबिल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट के उल्लंघन के मामले विचाराधीन हैं। उन विवादों में अनेक बार ऐसी जटिलताएं उपस्थित होती हैं कि जिनमें वादी-प्रतिवादी तो दूर, न्यायविदों व अधिवक्ताओं को भी अद्यतन जानकारियां नहीं होती हैं। उस दृष्टि से यह पुस्तक बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षण की दृष्टि से भी इस पुस्तक में अनेक ऐसी उपयोगी जानकारियां सम्मिलित की गई हैं जिनसे पीड़ित पक्ष को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नेगोशिएबिल इन्स्ट्रूमेंट कानून का मुख्य उद्देश्य वाणिज्य जगत में ईमानदारी का वातावरण बनाना तथा आर्थिक अपराधियों को दण्डित कराना है।
श्री धर्माधिकारी ने आशा की कि यह पुस्तक आर्थिक अपराधियों पर उत्तरदायित्व निर्धारित करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि पुस्तक में लिखी भाषा इतनी सरल है कि आम आदमी भी आसानी से इसका लाभ उठा सकता है।
श्री धर्माधिकारी ने पुस्तक के लेखक श्री के.के. भारद्वाज से घरेलू हिंसा कानून के प्रावधानों को भी सरल भाषा में लिपिबद्ध कर पुस्तक लिखने की अपेक्षा की। पुस्तक का प्रकाशन सुविधा लॉ हाऊस द्वारा किया गया है। कार्यक्रम में इस प्रकाशन संस्थान के निदेशक श्री विजय बांगिया तथा वरिष्ठ अधिवक्ता भी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन श्री के.के. भारद्वाज ने किया।


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