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Sunday, May 23, 2010

अगले वर्ष से फरवरी तक स्कूलों में पुस्तकें पहुंचें

 प्रत्येक पृष्ठ पर नीति वाक्य या कोटेशन मुद्रित होना चाहिये
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आगामी वर्ष से फरवरी के अंत तक समस्त स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि बच्चों को रिजल्ट के साथ पुस्तकें भी मिल जानी चाहिये। श्रीमती अर्चना चिटनीस आज मंत्रालय में पाठ्य पुस्तक निगम के शासक मण्डल की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।
बैठक में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री विजयपाल सिंह, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्री दीपक खाण्डेकर, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री मनोज झालानी, प्रबंध संचालक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि आगामी वर्ष से पाठ्य पुस्तकें सभी जिलों के डिपो में दिसम्बर अंत तक पहुंच जानी चाहिये। जुलाई माह तक मुद्रकों के पास सामग्री पहुंचे तथा सितम्बर माह से प्रिन्टिंग की शुरूआत हो। सभी संबंधित कार्यवाही निश्चित समयावधि में हो इस बात का ध्यान रखा जाये। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के प्रत्येक पृष्ठ पर नीति वाक्य या कोटेशन मुद्रित होना चाहिये। वैज्ञानिकों के कोटेशन भी हों। पृष्ठों के आधे हिस्से में पाठ समाप्त होने पर शेष भाग में प्रेरणादायी अथवा ज्ञानोपयोगी जानकारी मुद्रित की जाये ताकि खाली स्थान का सदुपयोग हो सके। उन्होंने पाठ्य पुस्तकों के आवरण पृष्ठों को रंगीन एवं आकर्षक बनाये जाने के भी निर्देश दिये।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि यदि सीबीएससी के स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग करते हैं तो माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सभी स्कूल पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा मुद्रित पुस्तकों का उपयोग क्यों नहीं कर सकते, इस बात का भी परीक्षण किया जाये। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण की प्रक्रिया स्वच्छ एवं पारदर्शी हो, इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाये। पुस्तकों में इस्तेमाल किये जाने वाले पेपर की क्वालिटी बेहतर हो तथा उनकी साज-सज्जा भी बेहतर रहे। बैठक में शासक मण्डल की पिछली बैठक के कार्यवाही विवरण का भी अनुमोदन किया गया।

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