राज्य में 12 जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधायें बेहतर रूप से मिल सके इस उद्देश्य को लेकर प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर एवं एकलव्य आवासीय विद्यालय आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं।
आदिवासी विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिये आवासीय संस्थाओं का संचालनप्रदेश में 12 एकलव्य आवासीय, 2 कन्या शिक्षा परिसर एवं 8 आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन
शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, गणवेश एवं अन्य सुविधाएं
राज्य में 12 जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। इनमें झाबुआ में थांदला, रतलाम में सैलाना, धार में कुक्षी, सीधी में टसार, मण्डला में सिझौरा, डिण्डौरी, उमरिया में पाली, अनूपपुर जिले में अमरकंटक, सिवनी में घंसौर, बड़वानी एवं बैतूल जिले में शाहपुर में एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।
इन संस्थाओं में विद्यार्थियों को एकेडमिक शिक्षा के साथ कम्प्यूटर शिक्षा, व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण, भोजन, गणवेश, पुस्तकें एवं अन्य सुविधाएं नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। इन विद्यालयों में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 6 से 12वीं तक सी.बी.एस.सी. पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दिये जाने के प्रबंध किया गया है। इन विद्यालयों में लगभग 4500 विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रदेश में जनजातीय वर्ग की प्रतिभाशाली छात्राओं को आवासीय परिसर में ही उत्कृष्ट शिक्षा दिलाये जाने के उद्देश्य से दो कन्या शिक्षा परिसर अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में एवं छिन्दवाड़ा में संचालित किये जा रहे हैं। इन कन्या परिसरों में अनुसूचित जाति वर्ग की बालिकाओं को कक्षा 6 से 12वीं तक आवासीय सह शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन कन्या परिसरों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को चयन के आधार पर शिक्षण संस्था में प्रवेश दिया जाता है।
राज्य में इसके अलावा 8 आदर्श आवासीय विद्यालय भी आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। इनमें होशंगाबाद जिले के तवा नगर, बैतूल जिले के शाहपुर, बालाघाट के मालजखंड, खरगौन, सीधी के चुरहट, खण्डवा, श्योपुर, धार एवं शहडोल जिले के जयसिंह नगर में यह आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।
इन आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक शैक्षणिक सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन संस्थाओं में विद्यार्थियों को कक्षा 5 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर चयन के आधार पर प्रवेश उपलब्ध कराया जाता है। इन शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन कराया जा रहा है।
प्रदेश में जनजातीय वर्ग की प्रतिभाशाली छात्राओं को आवासीय परिसर में ही उत्कृष्ट शिक्षा दिलाये जाने के उद्देश्य से दो कन्या शिक्षा परिसर अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में एवं छिन्दवाड़ा में संचालित किये जा रहे हैं। इन कन्या परिसरों में अनुसूचित जाति वर्ग की बालिकाओं को कक्षा 6 से 12वीं तक आवासीय सह शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन कन्या परिसरों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को चयन के आधार पर शिक्षण संस्था में प्रवेश दिया जाता है।
राज्य में इसके अलावा 8 आदर्श आवासीय विद्यालय भी आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। इनमें होशंगाबाद जिले के तवा नगर, बैतूल जिले के शाहपुर, बालाघाट के मालजखंड, खरगौन, सीधी के चुरहट, खण्डवा, श्योपुर, धार एवं शहडोल जिले के जयसिंह नगर में यह आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।
इन आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक शैक्षणिक सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन संस्थाओं में विद्यार्थियों को कक्षा 5 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर चयन के आधार पर प्रवेश उपलब्ध कराया जाता है। इन शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन कराया जा रहा है।
विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री के साथ-साथ गणवेश, भोजन एवं आवास की सुविधा नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। इन शिक्षण संस्थाओं में लगभग 1150 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।


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