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Wednesday, May 5, 2010

शिक्षा माफिया से मुक्त होगा राज्य ओपन स्कूल - अर्चना चिटनीस

 बोर्ड परीक्षाओं के साथ साल में एक बार होंगी ओपन स्कूल की परीक्षाए
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस की उपस्थिति में सोमवार को सम्पन्न मध्यप्रदेश राज्य ओपन स्कूल की साधारण सभा की बैठक में अनेक अहम फैसले लिये गये। श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बैठक को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि राज्य ओपन स्कूल को अब शिक्षा माफिया का अड्डा नहीं बनने दिया जायेगा। 

राज्य ओपन स्कूल में पिछले वर्षों में हुई गड़बड़ियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि अब इसकी कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन कर उसे शिक्षा माफिया से पूर्णत: मुक्त कराया जायेगा। उक्त बैठक में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री नानाभाऊ मोहोड़, आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री श्री हरिशंकर खटीक, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री राकेश बंसल, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्री दीपक खाण्डेकर, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री मनोज झालानी, आयुक्त लोक शिक्षण श्री बी.आर. नायडू, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल श्री लक्ष्मीकांत द्विवेदी सहित साधारण सभा के सदस्य एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

राज्य ओपन स्कूल की छवि में सुधार लाने तथा गड़बड़ियों को रोकने की दृष्टि से श्रीमती अर्चना चिटनीस की पहल पर निर्णय लिया गया कि वर्ष 2011 से राज्य ओपन स्कूल की एक ही बार परीक्षा होगी। जिन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल (बोर्ड) की परीक्षाओं के साथ आयोजित किया जायेगा। ओपन स्कूल की परीक्षाएं भी अब शासकीय स्कूलों में सम्पन्न होंगी। 
पूरक परीक्षाएं भी बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही होंगी। इस वर्ष केवल जुलाई में परीक्षा होगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ओपन स्कूल की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को अब जन्म प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। 
 
शपथ-पत्र की अनिवार्यता अब नहीं रहेगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग, बी.पी.एल. एवं महिला परीक्षार्थियों को परीक्षा शुल्क में मिलने वाली 25 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर उसे 50 प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर भी साधारण सभा में विचार किया गया। बोर्ड की तरह ही अब ओपन स्कूल के संभागीय (क्षेत्रीय)कार्यालय फिलहाल भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में खोले जायेंगे, जो अभी बोर्ड के संभागीय कार्यालय में ही लगेंगे।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने राज्य ओपन स्कूल की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिये कार्यालय का वातावरण स्वच्छ रखने तथा अनुशासनहीनता पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि लोग यह भ्रम न पालें कि राज्य ओपन स्कूल बंद किया जा रहा है, बल्कि अब इसे और दुरुस्त किया जायेगा। 

ओपन स्कूल के सभी 265 काउंसिलिंग सेंटर्स के लिये संविदा आधार पर अमला तैनात होगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल विकासखण्ड स्तर पर ऐसे संविदा शिक्षक नियुक्त करेगा जो शिक्षा के क्षेत्र से सेवानिवृत्त हुए हों। 

शीघ्र ही उनकी अहर्ताएं निर्धारित की जायेंगी। ओपन स्कूल की 12वीं परीक्षा पास कर शिक्षक बनने वालों को विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी। वे बोर्ड की 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर सकें इसके लिये उन्हें एक वर्ष का अध्ययन अवकाश दिया जायेगा। ओपन स्कूल के पाठ्यक्रम में परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता भी श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बताई। 

उन्होंने कहा कि इसके लिये शीघ्र कार्यवाही कर उचित निर्णय लिया जायेगा। ओपन स्कूल के सिस्टम में सुधार लाने के लिये उन्होंने श्री राकेश बंसल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और दो अशासकीय सदस्यों की कमेटी गठित करने के निर्देश दिये। कमेटी को उन्होंने एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने ओपन स्कूल के प्रश्न-पत्रों को तैयार करने तथा उसे मुद्रित कराने की जिम्मेदारी भी अब माध्यमिक शिक्षा मंडल को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अध्ययन सामग्री पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा मुद्रित कराने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कक्षा आठवीं की पूर्व में जो अनुपयोगी पुस्तकें मुद्रित कराई गई हैं, उसे चल रही विभागीय जांच में शामिल किया जायेगा। 
पूर्व में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश उन्होंने अध्यक्ष को दिये। उन्होंने ओपन स्कूल के समस्त अमले को ट्रेनिंग दिलाने के निर्देश भी दिये। ट्रेनिंग की व्यवस्था नेशनल ओपन स्कूल और सीमेट के साथ मिलकर होगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ओपन स्कूल में जो व्यक्ति कार्य के उपयुक्त नहीं हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाये। ओपन स्कूल में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता अब कतई बर्दाश्त नहीं होगी। 
राज्य ओपन स्कूल की छवि धूमिल करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। अब रिजल्ट घोषित होने के पूर्व रेडंम सेम्पलिंग के आधार पर कुछ प्रतिशत उत्तरपुस्तिका में हुए मूल्यांकन से परिणाम का मिलान कराया जायेगा। परीक्षा परिणाम तैयार करने तथा डाटा एंट्री का कार्य भी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा होगा। 
बोर्ड और ओपन स्कूल के परीक्षा केन्द्रों पर फर्नीचर की समुचित व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये जायेंगे। मदरसा बोर्ड, पातंजलि सहित अन्य संस्थाओं को पूर्व में ही परीक्षा शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। बिना परीक्षा शुल्क के उनकी परीक्षा संचालित नहीं होगी।

साधारण सभा के सदस्यों की मांग पर उन्होंने उन्हें दायित्व व अधिकार सौंपने के लिये आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश श्री बंसल को दिये। उन्होंने कहा कि अब ओपन स्कूल की अगली बैठक आगामी तीन माह में होगी। बैठक में 2008-09 से लेकर 2010-11 के आय-व्यय व बजट, वार्षिक प्रतिवेदन, 2010-11 की प्रस्तावित कार्ययोजना, परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन, मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं के निरंतर आयोजन आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। 
बैठक में साधारण सभा के सदस्य श्री लाखन सिंह चौहान, श्री द्वारका प्रसाद लड्डा, श्री पुरुषोत्तम पटेल, श्री कमल किशोर दुबे, श्रीमती रमा पण्डया, श्रीमती कल्पना मिश्रा, श्रीमती विजया शर्मा, सुश्री ज्योति श्रीवास्तव, श्री अनिल पोरवाल, श्री विजय जैन, ओपन स्कूल के संचालक श्री ए.के. दीक्षित आदि उपस्थित थे।

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