आंगनवाड़ी केन्द्रों में 8 हजार रूपये के मान से राशि दी जायेगी
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आये और वे प्रोत्साहित हो इसके लिये स्कूलों और आंगनवाड़ी में शौचालय निर्माण की अनुदान सीमा में वृद्धि की गई है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप अब स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिये 35 हजार रूपये और आंगनवाड़ी केन्द्रों में 8 हजार रूपये के मान से राशि दी जायेगी। यह जानकारी भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय में पेयजल आपूर्ति विभाग की सचिव श्रीमती राजवंत संधू ने दी।
वे आज यहां भोपाल में समग्र स्वच्छता अभियान और पेयजल आपूर्ति पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रही थीं। श्रीमती संधु ने मध्यप्रदेश में समग्र स्वच्छता अभियान के क्रियान्वयन के लिये किये गये प्रयासों की सराहना करते हुये कहा इससे प्रदेश में उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भी आर.के.स्वाई, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री जे.एस. माथुर और मध्यप्रदेश में पंचायत ग्रामीण विकास के सचिव श्री अजय तिर्की उपस्थित थे।
भारत शासन के ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल आपूर्ति विभाग की सचिव श्रीमती राजवंत संधू ने कहा कि स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए व्यवहार में परिवर्तन जरूरी है। ग्रामीण अंचल में अभियान की सफलता में पंचायत पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अभियान के प्रति जागरूकता के लिए सराहनीय कार्य किए हैं।
भारत शासन के ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल आपूर्ति विभाग की सचिव श्रीमती राजवंत संधू ने कहा कि स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए व्यवहार में परिवर्तन जरूरी है। ग्रामीण अंचल में अभियान की सफलता में पंचायत पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अभियान के प्रति जागरूकता के लिए सराहनीय कार्य किए हैं।
अभियान की समीक्षा के दौरान इसके उत्साही परिणाम देखने को मिले हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा स्वच्छता को लेकर नवनिर्वाचित सरपंचों को सम्बोधित पत्र लिखने, स्वच्छता मित्र और राज्य द्वारा उज्जवल ग्राम पुरस्कार के माध्यम से ग्रामीण अंचल में जन जागृति लाने की पहल को सराहनीय बताया। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत वर्ष 2010-11 के लिए लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है वह उत्साहजनक है।
श्रीमती संधू ने होशंगाबाद, जबलपुर, रीवा और झाबुआ आदि जिलों में अभियान के तहत किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी राज्य सरकार को सराहा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए है। इस कार्यशाला के माध्यम से परिणाम आधारित कार्ययोजना का निर्माण किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में स्वच्छता एवं जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'मध्यप्रदेश बनाओं यात्रा' में स्वच्छता के विषय को उच्च प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत जनसहभागिता के साथ प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में स्वच्छता एवं जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'मध्यप्रदेश बनाओं यात्रा' में स्वच्छता के विषय को उच्च प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत जनसहभागिता के साथ प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य में स्वच्छता और पेयजल आपूर्ति के लिए विभागीय योजनाओं के साथ अन्य योजनाओं के संयोजन के प्रभावी कार्य किये गये हैं। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के अंतर्गत निर्मल वाटिका योजना संचालित है।
इसी प्रकार स्वच्छ पेयजल के लिए सामुदायिक पेयजल कूप निर्माण के लिए निर्मल नीर योजना संचालित की गई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए भी अभिनव प्रयास किए गए हैं। ग्रामीण अंचल में नेतृत्व क्षमता रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर रिफार्म चैंपियन बनाए गए है जो ग्रामीण अंचल में स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए कार्य करते हैं। इसी प्रकार स्कूली बच्चों में भी स्वच्छता के लिए जागरूकता बढ़ाने के कार्य किए गए हैं।
जिन स्कूलों में स्वच्छता के अच्छे कार्य किए जाते हैं उनके बच्चों को स्वच्छता दूत का पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति और जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्य और नवाचार किए गए हैं। प्रदेश में जलाभिषेक अभियान के रूप में जल संरक्षण और संवर्धन का व्यापक कार्यक्रम जनभागीदारी के साथ संचालित किया जा रहा है।
सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन श्री अजय तिर्की ने कार्यशाला में शामिल अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की समस्या और उसके समाधान के लिए किए गए प्रयासों पर कार्यशाला में चर्चा की जाएगी।
सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन श्री अजय तिर्की ने कार्यशाला में शामिल अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की समस्या और उसके समाधान के लिए किए गए प्रयासों पर कार्यशाला में चर्चा की जाएगी।
जहां कभी भी अच्छे कार्य हुए हैं, जो समस्याएं आई और उनके समाधान के लिए जो प्रयास हुए हैं इन सब पहलुओं पर कार्यशाला में विचार विमर्श किया जाएगा। कार्यशाला के परिणाम प्रभावी होंगे क्योंकि इस कार्यशाला में नीति निर्माता और कार्यपालक दोनों पक्ष उपस्थित हैं।
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री आर.के. स्वाई ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शामिल होने वाले अतिथियों का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रथम बार राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें नीति निर्माताओं और जिला स्तर के कार्यपालकों के मध्य सीधा संवाद हो रहा है।
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री आर.के. स्वाई ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शामिल होने वाले अतिथियों का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रथम बार राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें नीति निर्माताओं और जिला स्तर के कार्यपालकों के मध्य सीधा संवाद हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान स्वच्छता और शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए किए जा रहे कार्यों को और अधिक बेहतर बनाने में सहयोग प्राप्त होगा।
इस अवसर पर रीवा संभागायुक्त श्री रवीन्द्र पस्तोर, राज्य कार्यक्रम अधिकारी स्वच्छता मिशन श्री उमाकांत उमराव, विभिन्न जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और जिला समन्वयक, समग्र स्वच्छता मिशन उपिस्थत थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन 29 अप्रैल 2010 को होगा।
इस अवसर पर रीवा संभागायुक्त श्री रवीन्द्र पस्तोर, राज्य कार्यक्रम अधिकारी स्वच्छता मिशन श्री उमाकांत उमराव, विभिन्न जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और जिला समन्वयक, समग्र स्वच्छता मिशन उपिस्थत थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन 29 अप्रैल 2010 को होगा।
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