जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को दी जायेगी विस्तृत जानकारी
आगामी एक अप्रेल से प्रभावशील होने वाले शिक्षा का अधिकार संबंधी नियम राज्य द्वारा शीघ्र तैयार किये जायेंगे। 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा देने के लिए लागू होने वाले इस कानून की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। यह जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आज यहां दी।श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बताया कि भारत सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मॉडल नियम के आधार पर प्रदेश के नियम बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस नये कानून में जनप्रतिनिधियों से लेकर बच्चों तक को जोड़ा गया है। अधिनियम की पूर्व तैयारियां की जा रही है। जनशिक्षा अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देने के लिए विभिन्न स्तारों पर प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। विधानसभा सत्र दौरान सदस्यों को इसकी जानकारी देने के लिए भी प्रस्तुतिकरण के प्रयास किये जा रहे हैं। हाल में मंत्रालय में आयोजित एक बैठक में स्कूल शिक्षा सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति कल्याण, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और वित्त विभागों के अधिकारियों को अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी गई।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बताया कि संभागीय स्तर के अलावा कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत स्तर पर भी अधिनियम के प्रावधानों का प्रस्तुतिकरण शीघ्र होगा। संभागीय स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारियों, आदिवासी विकास के अधिकारयों, डाइट प्राचार्यों, जिला परियोजना समन्वयकों के उन्मुखीकरण के लिए भी कार्रवाई होगी। इसके साथ जिला स्तर पर प्रायवेट स्कूलों से प्रबंधक, प्रधान अध्यापकों के भी उन्मुखीकरण के लिए प्रस्तुतिकरण होगा।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बताया कि संभागीय स्तर के अलावा कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत स्तर पर भी अधिनियम के प्रावधानों का प्रस्तुतिकरण शीघ्र होगा। संभागीय स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारियों, आदिवासी विकास के अधिकारयों, डाइट प्राचार्यों, जिला परियोजना समन्वयकों के उन्मुखीकरण के लिए भी कार्रवाई होगी। इसके साथ जिला स्तर पर प्रायवेट स्कूलों से प्रबंधक, प्रधान अध्यापकों के भी उन्मुखीकरण के लिए प्रस्तुतिकरण होगा।
जिलों में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के उन्मुखीकरण के लिए कार्रवाई की जायेगी। नियम बनने के बाद इसके प्रकाशन तथा प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। अधिनियम प्रभावीशील होने के 6 माह के अंदर रिक्त पदों की पूर्ति के प्रयास किये जायेगें। अधिनियम में नामांकन के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के प्रावधान को देखते हुए प्रत्येक शासकीय शाला एवं शिक्षकों की गणना के निर्देश दिये गये हैं।
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