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Thursday, February 4, 2010

स्कूलों के भवन निर्माण में केन्द्र व्यावहारिक नजरिया अपनाएं

 श्रीमती अर्चना चिटनीस ने की श्री कपिल सिब्बल से मुलाकात
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने केन्द्र सरकार से स्कूलों के भवन निर्माण में व्यावहारिक नजरिया अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भवन निर्माण लागत की सीमा बढ़ाने का अनुरोध भी किया है।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल से भेट कर सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत निर्धारित किये गये विभिन्न मापदंडों की विसंगतियों से अवगत कराया और उन्हें दूर करने की मांग भी की।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने श्री सिब्बल को बताया कि वर्तमान में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भवन निर्माण के लिए 36 लाख 5 हजार रूपये की सीमा निर्धारित की गई है जबकि 100 सीटों वाले विद्यालय के भवन निर्माण पर लगभग 80 लाख रूपये का खर्च आता है। श्रीमती अर्चना चिटनीस ने 70 बच्चों की संख्या वाले मिडिल स्कूलों का उन्नयन हाई स्कूल में किये जाने के केन्द्र सरकार के निर्णय में संशोधन कर उसे 60 बच्चों की संख्या में किये जाने का अनुरोध भी श्री सिब्बल से किया।

 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के भवन निर्माण की राशि बढ़ाने का आग्रह
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने श्री कपिल सिब्बल का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया कि मध्यप्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरे करने में गंभीर कठिनाईयां आ रही है। संयुक्त समीक्षा मिशन के सदस्यों ने भी इस पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि पहले मध्यप्रदेश सरकार स्कूल भवनों का निर्माण पालक शिक्षक संघों के माध्यम से कराती थी लेकिन सिविल कार्यों में शिक्षकों के शामिल होने, वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिलने और गुणवत्ता कम होने की जानकारी मिलने पर यह महसूस किया गया कि शिक्षक अपने मूल कार्य शिक्षण पर ही ध्यान दे तथा उन्हें गैर शिक्षकीय कार्य में न लगाया जाए। लिहाजा वर्ष 2007-08 से निर्माण कार्य का जिम्मा पंचायत राज संस्थाओं तथा नगरीय निकायों को सौंप दिया गया, लेकिन ये संस्थाएं भी समय पर और वांछित गुणवत्तापूर्ण कार्य करने में बहुत अधिक प्रभावी साबित नहीं हुई। इसका कारण संभवत: राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण योजना संबंधित कार्यों में उनकी व्यस्तता है।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों में सभी सिविल कार्यों में समुदाय की भागीदारी का प्रावधान है और ठेकेदारों को कार्य देने की मनाही है। इसकी मूल भावना को डीपीईपी तथा लोक जम्बिश जैसे अपेक्षाकृत छोटे स्तर के कार्यक्रमों के अनुभवों के प्रकाश में समझा जा सकता है। लेकिन बड़े स्तर पर कार्य समय सीमा में उतने सफल नहीं होंगे। अत: इस मामले में व्यावहारिक नजरिया अपनाकर राज्य सरकारों को शासकीय जनभागीदारी (पीपीपी) से कराये जाने की इजाजत दी जाए, जिससे सर्वशिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों के भवन निर्माण तथा संधारण के कार्य में बड़ी संख्या में एजेंसी आगे आ सकें। इससे बड़ी संख्या में कम समय में स्कूल भवनों का निर्माण हो सकेगा।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार स्कूल अनुदान बढ़ाने, आवासीय शिक्षक-प्रशिक्षण के लिए प्रति शिक्षक राशि में वृद्धि, समुदाय के सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए अधिक राशि उपलब्ध कराने तथा अतिथि शिक्षकों के लिए प्रावधान करने सहित अनेक मुद्दों पर भी श्री कपिल सिब्बल से चर्चा की तथा अपनी ओर से इस संबंध में पत्र भी सौंपे।

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