नेशनल मेडीकोज आर्गनाइजेशन के सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी के गठन की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण की जायेगी। प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्य करेंगे। नागरिकों की स्वास्थ्य रक्षा के लिये स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये बजट में निरंतर वृद्धि की गई है।
गरीबों के उपचार के लिये राज्य सरकार ने विशेष प्रयास किये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एन.एम.ओ.) द्वारा आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सागर में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना दो वर्ष से कम अवधि में भवन बनाकर कर दी गई, जो राज्य सरकार के प्रदेशवासियों को बेहतर उपचार सेवाएं देने के संकल्प का परिचायक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिये स्वस्थ समाज आवश्यक है। स्वस्थ शरीर कर्त्तव्य-पालन का माध्यम होता है। प्रदेश के नागरिकों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण का कार्य निरंतर चल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिये स्वस्थ समाज आवश्यक है। स्वस्थ शरीर कर्त्तव्य-पालन का माध्यम होता है। प्रदेश के नागरिकों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण का कार्य निरंतर चल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य बीमारी सहायता योजना, दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना और मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान से निर्धन वर्ग के उपचार के लिये दी जा रही सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि चिकित्सकों को रोगियों की सेवा का कार्य संवेदनशील होकर करना है, तभी चिकित्सक रोगियों से वास्तविक सम्मान प्राप्त कर सकेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख श्री के.एस. सुदर्शन ने कहा कि ऐलोपैथी के साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों का समुचित अध्ययन और शोध होना चाहिये और लोगों को स्वस्थ करने में सम्पूर्ण चिकित्सा ज्ञान का उपयोग होना चाहिये। श्री सुदर्शन ने कहा कि चिकित्सकों को औषधि निर्माताओं से प्रभावित हुए बिना रोगियों को रोग मुक्त करने के लिये समग्र शरीर को आधार मानकर समन्वित पद्धति से उपचार पर ध्यान देना होगा। सेवा भाव के बिना चिकित्सा व्यवसाय का कोई अर्थ नहीं है और चिकित्सा कार्य समाज सेवा का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम को एन.एम.ओ. के अध्यक्ष डॉ. डी.के. सतपथी, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजकिशोर चौरसिया और डॉ. विजेन्द्र ने भी सम्बोधित किया। सचिव डॉ. अजय मेहता ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. भानु दुबे, डॉ. दीपक शुक्ला और डॉ. जगदीश गोयल और बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख श्री के.एस. सुदर्शन ने कहा कि ऐलोपैथी के साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों का समुचित अध्ययन और शोध होना चाहिये और लोगों को स्वस्थ करने में सम्पूर्ण चिकित्सा ज्ञान का उपयोग होना चाहिये। श्री सुदर्शन ने कहा कि चिकित्सकों को औषधि निर्माताओं से प्रभावित हुए बिना रोगियों को रोग मुक्त करने के लिये समग्र शरीर को आधार मानकर समन्वित पद्धति से उपचार पर ध्यान देना होगा। सेवा भाव के बिना चिकित्सा व्यवसाय का कोई अर्थ नहीं है और चिकित्सा कार्य समाज सेवा का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम को एन.एम.ओ. के अध्यक्ष डॉ. डी.के. सतपथी, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजकिशोर चौरसिया और डॉ. विजेन्द्र ने भी सम्बोधित किया। सचिव डॉ. अजय मेहता ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. भानु दुबे, डॉ. दीपक शुक्ला और डॉ. जगदीश गोयल और बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
0 comments:
Post a Comment