सागर के डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबंद्ध बीएड कॉलेजों की परीक्षाएं एक बार फिर अधर मे लटक गईं हैं।
सागर विवि के कुलपति के साथ बीएड कॉलेज संचालाकों की हुई बैठक के बाद विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं के स्थगित किए जाने का आदेश जारी कर दिया।
विवि से संबंद्ध 42 बीएड कॉलेजों के 4 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों का परीक्षाओं का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। उच्च न्यायालय में बीएड के सभी छात्रों की परीक्षाएं लिए जाने संबंधी हलफनामे पेश किए जाने के साथ ही इन परीक्षाओं पर रोक लग गई है।
बताया जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मान्य व अमान्य कॉलेजों के संबंद्ध मे स्थगन देने से यह हालात बने हैं। विवि प्रशासन का कहना है कि अब उच्च न्यायालय से मार्गनिर्देशन लेने के बाद ही इस संबंद्ध मे कोई निर्णय लिया जा सकता है।
इस सिलसिले मे कॉलेज संचालकों का यह तर्क था कि सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन के बाद कॉलेजों की मान्यता व अमान्यता के मामले मे यथास्थिति बनाए रखने का मामला बन गया है।
अत: विवि को अब सभी कॉलेजों की परीक्षाओं का आयोजन कराना चाहिए। लेकिन विवि प्रशासन का कहना है कि कानूनी सलाह लेने के बाद ही इस मामले मे कोई निर्णय लिया जाएगा।
विवि से संबंद्ध 42 बीएड कॉलेजों के 4 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों का परीक्षाओं का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। उच्च न्यायालय में बीएड के सभी छात्रों की परीक्षाएं लिए जाने संबंधी हलफनामे पेश किए जाने के साथ ही इन परीक्षाओं पर रोक लग गई है।
बताया जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मान्य व अमान्य कॉलेजों के संबंद्ध मे स्थगन देने से यह हालात बने हैं। विवि प्रशासन का कहना है कि अब उच्च न्यायालय से मार्गनिर्देशन लेने के बाद ही इस संबंद्ध मे कोई निर्णय लिया जा सकता है।
इस सिलसिले मे कॉलेज संचालकों का यह तर्क था कि सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन के बाद कॉलेजों की मान्यता व अमान्यता के मामले मे यथास्थिति बनाए रखने का मामला बन गया है।
अत: विवि को अब सभी कॉलेजों की परीक्षाओं का आयोजन कराना चाहिए। लेकिन विवि प्रशासन का कहना है कि कानूनी सलाह लेने के बाद ही इस मामले मे कोई निर्णय लिया जाएगा।
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