राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की टीम छह महीने में चौथी बार प्रदेश के बीएड कालेजों का निरीक्षण करने आ रही है। इस बार गेट से लेकर लैब तक कालेजों को देखा जाएगा। विषय विशेषज्ञों की यह टीम 14 जनवरी से कालेजों में पहुंचने लगेगी।
उच्च न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर को दिए गए आदेश पर अमल करते हुए एनसीटीई ने नए सिरे से कालेजों के निरीक्षण का कार्यक्रम तय कर लिया है। परिषद ने चार दिन में सभी कालेजों का निरीक्षण करने का कार्यक्रम बनाया है। सभी विश्वविद्यालयों में लिए दो-दो सदस्यीय टीम रहेगी। टीम के मुखिया की नियुक्ति परिषद द्वारा की जाएगी। जबकि एक-एक सदस्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि के रूप में रहेगें। इनकी नियुक्ति संबंधित विश्वविद्यालयों को करना है। यह निरीक्षण 17 जनवरी तक चलेगा। अगले दिन परिषद को सभी कमेटियों की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। इसके आधार पर एनसीटीई अपनी फायनल सूची तैयार करेगी। यह सूची 23 जनवरी के पहले हाईकोर्ट को दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अदालत ने 17 दिसंबर को अपने आदेश में सरकारी और विश्वविद्यालयों के बीएड विभागों के मात्र 14 कालेजों को परीक्षा के लिए पात्र माना था। शेष सभी कालेजों का नए सिरे से विस्तृत निरीक्षण करने को कहा है। इसमें स्टाफ की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
निपट सकता है विवाद
उच्च न्यायालय ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में सत्र 2007-08 की मुख्य परीक्षाएं कराने को कहा है। इस निरीक्षण के बाद मान्यता प्राप्त कालेजों की फायनल सूची तैयार हो सकती है। इसके साथ ही डेढ़ साल से चल रहा विवाद भी शांत होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रवेश लेने वाले 30 हजार विद्यार्थी अपनी मुख्य परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अदालत ने 17 दिसंबर को अपने आदेश में सरकारी और विश्वविद्यालयों के बीएड विभागों के मात्र 14 कालेजों को परीक्षा के लिए पात्र माना था। शेष सभी कालेजों का नए सिरे से विस्तृत निरीक्षण करने को कहा है। इसमें स्टाफ की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
निपट सकता है विवाद
उच्च न्यायालय ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में सत्र 2007-08 की मुख्य परीक्षाएं कराने को कहा है। इस निरीक्षण के बाद मान्यता प्राप्त कालेजों की फायनल सूची तैयार हो सकती है। इसके साथ ही डेढ़ साल से चल रहा विवाद भी शांत होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रवेश लेने वाले 30 हजार विद्यार्थी अपनी मुख्य परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment