राज्य शासन का महत्वाकांक्षी सेमेस्टर पैटर्न स्नातक और स्नातकोत्तर की अन्य कक्षाओं के लिए ग्रहण साबित हो रहा है। फर्स्ट ईयर की पहली परीक्षा के कारण द्वितीय और तृतीय वर्ष की कक्षाओं में पखवाड़े भर तालेबंदी चल रही है। इसका सर्वाधिक नुकसान विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। पढ़ाई न होने से छात्रों को रिजल्ट बिगड़ने की चिंता सताने लगी है।
पिछले पंद्रह दिन से एक भी क्लास किसी भी कालेज में नहीं लग सकी है। इसकी वजह है 16 दिसंबर से शुरू हुई परीक्षा। विश्वविद्यालय की पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं 16 दिसंबर से शुरू हुई हैं। दो दिन बाद से मूल्यांकन भी शुरू हो गया है। रोजाना तीन सत्रों में परीक्षा होने से वैसे ही कालेज के इक्का-दुक्का शिक्षक ही खाली बचे थे। मूल्यांकन के कारण यह भी व्यस्त हो गए। इसके चलते पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है। सेकंड और थर्ड ईयर सहित वार्षिक पैटर्न वाली सभी कक्षाओं की पढ़ाई ठप हो गई हैं।
दिसंबर में किसी भी कालेज में प्रेक्टीकल तक नहीं हो सके हैं, थ्यौरी क्लास तो दूर की बात है। इन कक्षाओं की परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होना प्रस्तावित हैं। ऐसे में करीब एक महीना बगैर पढ़ाई के बीतने से छात्र चिंतित होने लगे हैं। मगर प्राचार्य और शिक्षकों का कहना है कि नौ घंटे परीक्षा लेना है। ऐसे में पढ़ाएं कैसे।
विभाग ने याद दिलाई अटेंडेंस उच्च शिक्षा विभाग ने इसे कालेजों की मनमानी एवं शैक्षणिक कैलेंडर का उल्लंघन माना है। कैलेंडर में नवंबर-दिसंबर में अवकाश का प्रावधान नहीं था। फर्स्ट सेमेस्टर के अलावा अन्य सभी कक्षाओं में पढ़ाई होना है। ताकि किसी भी छात्र को 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति के कारण परीक्षा से वंचित न होना पड़े। परीक्षा के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है।
अतिरिक्त कक्षाओं से करें भरपाई उच्च शिक्षा विभाग ने एक महीने पढ़ाई बंद रहने से उपस्थिति में आई गिरावट की भरपाई अतिरिक्त कक्षाओं से करने का आदेश दिया है। सेमेस्टर परीक्षाओं में 98 फीसदी छात्रों की भागीदारी से फूले नहीं समा रहे विभाग ने 75 फीसदी उपस्थिति करने के लिए परीक्षा तक अतिरिक्त कक्षाएं लगाने को कहा है।
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Wednesday, December 31, 2008
सेमेस्टर पैटर्न स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए ग्रहण__
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