राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्याय यानि एनएलआईयू चालू सत्र से छह नए स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। दूरस्थ शिक्षा के तहत शुरू होने वाले पाठ्यक्रम - पीजी डिप्लोमा इन क्रिमनोलॉजी एंड फॉरेसिंक सांइंस, मानव अधिकार मे पीजी डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा इन एनवायरमेंण्ट लॉ, पीजी डिप्लोमा इन जेन्डर एंड लॉ, पीजी डिप्लोमा इन मास मीडिया, लॉ एंड कल्चर व पीजी डिप्लोमा इन एडवोकेसी स्किल्स पाठ्यक्रमों के अलावा विवि मे पूर्णकालिक नियमित पीएचडी पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
हालांकि इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की घोषणा विवि एक बार पहले भी कर चुका था। विवि की आकमिक परिषद ने भी इस बात के लिए मंजूरी मिल चुकी थी। लेकिन किसी वजह से विवि ने इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की घोषणा करने के बाद भी काफी समय से ठण्डे बस्ते मे डाल रखा था।
सूत्रों के मुताबिक पाठ्यक्रमों की शुरू होने मे देरी होने की वजह शिक्षकों की अरूचि रही है। शिक्षक बिना अतिरिक्त मानदेय के इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के पक्ष मे नहीं थे। इसी वजह से विवि प्रबंधन ने पाठ्यक्रम के समन्वयों व शिक्षकों को अच्छे पैकेज दिए जाने का इंतजाम करने के बाद ही नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की घोषणा की है।
विवि प्रबंधन द्वारा तय नए पैकेज के मुताबिक शिक्षकों को प्रति छात्र 5 हजार रूपए के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा लेकिन यह किसी भी सूरत मे 50 हजार रूपए से अधिक नहीं होगा।
नए पाठ्यक्रमों के शुरू होने के सिलसिले मे एनएलआईयू के निदेशक प्रो० एसएस सिंह ने बताया कि पाठ्यक्रमों के लिए सिलेबस तैयार हो चुका है तथा इनके लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है। सभी कोर्स इसी सत्र से शुरू किए जा रहें हैं।
हालांकि इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की घोषणा विवि एक बार पहले भी कर चुका था। विवि की आकमिक परिषद ने भी इस बात के लिए मंजूरी मिल चुकी थी। लेकिन किसी वजह से विवि ने इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की घोषणा करने के बाद भी काफी समय से ठण्डे बस्ते मे डाल रखा था।
सूत्रों के मुताबिक पाठ्यक्रमों की शुरू होने मे देरी होने की वजह शिक्षकों की अरूचि रही है। शिक्षक बिना अतिरिक्त मानदेय के इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के पक्ष मे नहीं थे। इसी वजह से विवि प्रबंधन ने पाठ्यक्रम के समन्वयों व शिक्षकों को अच्छे पैकेज दिए जाने का इंतजाम करने के बाद ही नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की घोषणा की है।
विवि प्रबंधन द्वारा तय नए पैकेज के मुताबिक शिक्षकों को प्रति छात्र 5 हजार रूपए के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा लेकिन यह किसी भी सूरत मे 50 हजार रूपए से अधिक नहीं होगा।
नए पाठ्यक्रमों के शुरू होने के सिलसिले मे एनएलआईयू के निदेशक प्रो० एसएस सिंह ने बताया कि पाठ्यक्रमों के लिए सिलेबस तैयार हो चुका है तथा इनके लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है। सभी कोर्स इसी सत्र से शुरू किए जा रहें हैं।
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