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Sunday, October 5, 2008

ई-वर्किंग नहीं करने वाले प्राचार्यों को भरना पडेगा जुर्माना....

प्रदेश के शासकीय कॉलेजों मे विभागीय कार्यवाही को पूरी तरह से पेपरलेस वर्किंग मे बदला जा रहा है। इस कार्य मे रूचि नहीं लेने वाले कॉलेज के प्राचार्यों को जुर्माने से दण्डित करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।

उच्च शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों को आदेश जारी कर आगाह किया है कि अगर प्राचार्यों ने कॉलज की विभागीय कार्यवाही को जल्द ही पेपरलेस वर्किंग मे नहीं बदला तो जितनी स्टेशनरी उपयोग की जाएगी उतनी रकम प्राचार्यों से जुर्माने के तौर पर वसूली जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग लंबे समय कॉलेजो की वर्किंग पेपरलेस बनाने की कवायद मे लगा है। लेकिन कॉलेजों के प्राचार्यों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने की वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। पिछले दिनों ही विभाग ने सभी कॉलेजों को ई-प्रारूप मे सेमिस्टर प्रणाली की जानकारी भेजने व अन्य कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। लेकिन जिला स्तर के प्रमुख कॉलेजों ने अन्य कॉलेजों से कागजों की हार्डकापी भी मांगी है। इससे ही नाराज हो कर शिक्षा विभाग ने ई-वर्किंग के आदेश जारी कर दिए हैं।
उच्च शिक्षा आयुक्त आशीष उपाध्याय ने प्रदेश के सभी 303 शासकीय कॉलेज, 85 सरकारी पीजी कॉलेज, 217स्नातक कॉलजे, 53 सरकारी कन्या महाविद्यालय व 18 स्वाशासी कॉलजों को आदेश भेज कर ई-वर्किंग शनिवार से अनिवार्यत- लागू करा दी है।
प्रदेश भर से कॉलेजों द्वारा लाखों रूपए की स्टेशनरी के बर्बाद किए जाने की शिकायत मिलने के बाद ही विभाग ने यह भी आदेश दिए हैं कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति स्टेशनरी के उपयोग संबंधी शिकायत कर सकेगा। शिकायत सही साबित होने पर संबंधित कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इसके अलावा शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को वेबसाईट अपडेट रखने के भी निर्देश जारी किए हैं। सूत्रों के मुताबिक विभाग जल्द ही वेबसाईट पर नजर रखने के लिए पुख्ता इंतजाम करने जा रहा है। जिससे की मदद से राज्य के सभी कॉलेजों की वेबसाईटों पर नजर रखकर उनकी ग्रेडिंग की जा सकी।

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