प्रदेश
में आदिवासी संस्कृति का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। जन-जातीय संस्कृति की
जानकारी जन-सामान्य को देने के उद्देश्य से वन्या द्वारा विभिन्न पुस्तकों
का प्रकाशन किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से मध्य भारत के आदिवासियों का
इतिहास, सतपुड़ा पर्वत के राजगोंड महाराज, बैगा लोक-कथाएँ, मध्यवर्ती भारत
के मिथक एवं मराठों के गढ़ा-मण्डला के दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा
जन-जातीय स्वतंत्रता सेनानियों, नायकों, महापुरुषों पर केन्द्रित पुस्तकें,
टंट्या मामा एवं रानी दुर्गावती पर केन्द्रित स्केच-बुक भी प्रकाशित की गई
है।
’’वन्या’’
द्वारा शालाओं में पढ़ने वाले आदिवासी बच्चों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के
लिये मासिक बाल-पत्रिका ‘‘समझ-झरोखा’’ का भी नियमित प्रकाशन किया जा रहा
है। इस बाल-पुस्तिका में ज्ञान-विज्ञान, जीवन-संस्कृति, खेल और विविध विषय
प्रमुख रूप से शामिल रहते हैं।
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