मुख्यमंत्री
श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में हर शहर के पास स्मृति वन
बनाये जिसमें अपने परिजन की स्मृति में पेड़ लगाए जाए। जिस तरह से भोपाल में
स्मृति-वन तथा इंदौर में पितृ पर्वत पर पेड़ लगाये गये हैं। मुख्यमंत्री
श्री चौहान आज लोक संरक्षित क्षेत्र केरवा रोड में वन महोत्सव को संबोधित
कर रहे थे। उन्होंने संकल्प दिलाया कि पृथ्वी को बचाने के लिये हर नागरिक
साल भर में कम से कम एक पेड़ लगाए। उन्होंने क्षेत्र में बरगद का पेड़ लगाया।
कार्यक्रम में वन मंत्री श्री सरताज सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि पेड़ पौधे और मनुष्य एक दूसरे के पूरक है। एक के
अस्तित्व पर दूसरे का अस्तित्व निर्भर है। जीने के लिये सबसे ज्यादा जरूरी
आक्सीजन हमें पेड़, पौधों से मिलती है। इसीलिये हमारी संस्कृति में कहा गया
है कि प्रकृति का दोहन करें, शोषण नहीं। उन्होंने कहा कि आज ग्लोबल
वार्मिंग की समस्या के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इससे फसलों का
उत्पादन घटेगा और समुद्र में जल-स्तर बढ़ेगा। इस समस्या का एक ही समाधान है
वनों को बचाए और अधिक से अधिक पेड़ लगाए। उन्होंने कहा कि हर अच्छे अवसर पर
पेड़ लगाए। हर खुशी के अवसर को पृथ्वी के लिये भी खुशी का अवसर बनाए।
वृक्षारोपण के अभियान से अधिक से अधिक लोग जुड़े।
वन
मंत्री श्री सरताज सिंह ने कहा कि वन विभाग प्रदेश के बिगड़े वनों को ठीक
करने की कार्य योजना बना रहा है। नदियों के किनारे अधिक से अधिक वृक्षारोपण
किया जायेगा। पर्यावरण को ठीक रखने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
वनीकरण से वनों पर आधारित डेढ़ करोड़ वनवासियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा
सकता है।
कार्यक्रम
में करीब ढाई हजार पौधे रोपे गये। कार्यक्रम में वन विकास निगम के अध्यक्ष
श्री गुरूप्रसाद शर्मा तथा उपाध्यक्ष श्री बाबू लाल मेवरा, राज्य लघु
वनोजप संघ के अध्यक्ष श्री विश्वास सारंग, विधायक श्री जितेन्द्र डागा,
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना-हिम्मत, प्रमुख सचिव वन श्री देवराज
बिरदी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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