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Saturday, October 22, 2011

शिक्षा अधिकार क्रियान्वयन में प्रदेश पूरे देश में अव्वल

दीपावली के तोहफे के रूप में मिलेंगी बच्चों को साइकिलें, 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा
Bhopal:Friday, October 21, 2011
  शिक्षा अधिकार के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल है। प्रदेश के पाठ्यक्रम में अगले वर्ष से बेटियों की गौरव गाथाएँ शामिल की जायेंगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने दीपावली के तौहफे के रूप में सभी पात्र बच्चों को साइकिलों के लिए चैक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
श्री चौहान आज यहाँ स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस, राज्य मंत्री नाना भाऊ मोहोड़ भी उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि शिक्षा अधिकार कानून के तहत लगभग डेढ़ लाख बच्चों का विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला प्रदेश है। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा बच्चों की शिक्षा पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रमों में बेटियों की गौरव गाथायें पाठ्यक्रम में शामिल की जाये। इसमें प्राचीन युग की मंडन मिश्रा की पत्नी भारती से लेकर कल्पना चावला तक की महिला और बेटियों की जानकारी के पाठ शामिल हों।

मध्यप्रदेश एक बार पुन: शाला चलो अभियान चलाया जायेगा। बैठक में श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूल भेजने का लक्ष्य प्राप्त किया जाये। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिये नियमित मॉनीटरिंग के निर्देश दिये। उन्होंने विभाग द्वारा की गई मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जानकारी ली। श्री चौहान ने विभागीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से भी निरीक्षण करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के लिए क्षेत्र का भ्रमण करेंगे।

उन्होंने अधिकारियों से निजी शिक्षण संस्थाओं के नियमन के लिए आयोग गठन के संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी ली। बताया गया कि विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर विधि विभाग को परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया है।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष प्रयास करने से नवीं कक्षा में 31 प्रतिशत अधिक बच्चों का उल्लेखनीय दाखिला हुआ है। विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि से सभी पात्र बच्चों के साइकिलें देने का कार्य नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण सत्र के प्रारंभ में ही बच्चों को साइकिलें मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि दीपावली के तौहफे के रूप में विभाग अपने किसी अन्य मद से साइकिलें उपलब्ध करा दे। शिक्षा विभाग को अपेक्षित लगभग 20 करोड़ रूपये बजट का इंतजाम कर दिया जायेगा।

बैठक में बताया गया कि लोक शिक्षण विभाग द्वारा 83 करोड 61 लाख रूपये के लक्ष्य की तुलना में 77 करोड़ 40 लाख रूपये व्यय हुये हैं। स्कूल चलें हम अभियान के तहत कक्षा 9 के नामांकन में गत वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत वृद्धि की उपलब्धि अर्जित की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 1069.38 लक्ष्य के विरूद्ध 886.58 करोड़ रूपये व्यय की उपलब्धि अर्जित की है। इस वित्तीय वर्ष के पहले 9 माह में 1992.64 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है जो कि गत वर्ष के व्यय की तुलना में 58 प्रतिशत अधिक है।

केन्द्र से नहीं मिली पर्याप्त राशि

बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न मदों में निर्धारित राशि नहीं मिलने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस संबंध में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री कपिल सिब्बल से भेंट कर राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री शहरों में जनसंख्या के मापदण्ड के अनुसार स्कूल खोले जाने की मांग भी करेंगे।

बैठक में बताया गया कि एक माह के भीतर हाई स्कूल के प्राचार्यों की पदोन्नति आदेश जारी हो जायेंगे। राज्य शिक्षा सेवा का पृथक कॉडर बनाये जाने की कार्रवाई जारी होने की जानकारी भी बैठक में दी गयी।

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