स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आज यहां दी एक जानकारी में बताया कि प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के लिये इस साल मंजूर किये गये संविदा शिक्षकों के नये पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई जल्द की जा रही है।
इसके अलावा संविदा शाला शिक्षकों के अध्यापक वर्ग में संविलियन संबंधी राज्य सरकार के हालिया फैसले की रोशनी में इनके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करने का काम भी तेज हो चुका है।स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनीस के मुताबिक प्रदेश में ताजा स्थिति में स्कूलों में पढ़ा रहे कोई 7 हजार 660 संविदा शिक्षक वर्ग-2 और 17 हजार 240 संविदा शिक्षक वर्ग-3 अप्रशिक्षित हैं। इनके अध्यापक वर्ग में संविलियन के लिये उनका तयशुदा शैक्षणिक योग्यता के साथ शिक्षण-प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना अनिवार्य रहेगा। श्रेणी-3 के संविदा शाला शिक्षकों को डीएड/बीटीसी और डीएसई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है।
लेकिन अब अधिनियम में एक और संशोधन यह किया गया है कि उपरोक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के साथ डीपीई और अन्य समकक्ष पाठ्यक्रम भी अनिवार्य होंगे। इसके चलते संविदा शिक्षक वर्ग-3 की भर्तियों में बीएड, बीटीसी एवं डीएसई पाठ्यक्रमों की तरह डीपीई एवं अन्य समकक्ष पाठ्यक्रम के आधार पर चयन में 20 बोनस अंक भी दिये जायेंगे।
प्रशिक्षित शिक्षकों की प्रतिपूर्ति
सरकार यह मानती है कि पत्राचार या दूरवर्ती प्रशिक्षण के जरिये ही समय पर और तयशुदा तादाद में प्रशिक्षित शिक्षकों की प्रतिपूर्ति हो सकेगी। इसी क्रम में सरकार ने शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिये संवैतनिक अवकाश देने का निर्णय भी लिया है। इस प्रशिक्षण व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ उन स्कूलों को मिलेगा जो एक शिक्षक वाले विद्यालय हैं और उनके अध्ययन अवकाश में जाने पर शिक्षकविहीन हो जाते हैं।
विधवा उम्मीदवारों के लिये उम्र संशोधन
सरकार संविदा शिक्षक भर्ती नियमों में एक और संशोधन यह करने जा रही है कि विधवा महिला उम्मीदवार की आयु सीमा बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी जाये। इसी तरह अंशकालीन व्यावसायिक शिक्षकों की उम्र बढ़ाने का संशोधन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में संशोधन के तहत महिला अध्यापकों के लिये प्रसूति अवकाश की मौजूदा सीमा बढ़ाकर 90 दिन तय की जायेगी।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम
केन्द्र से सतत संपर्क स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनीस के मुताबिक केन्द्र द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा संबंधी अधिकार अधिनियम लागू किये जाने की सूरत में छात्रों की तयशुदा तादाद के अनुपात में शिक्षकों की आपूर्ति जरूरी होगी। इस उद्देश्य से समुचित अधोसंरचना विकास के लिये जरूरी वित्तीय संसाधन भी जुटाने होंगे। इस मकसद से राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से लगातार संपर्क किया जा रहा है।
प्रशिक्षित शिक्षकों की प्रतिपूर्ति
सरकार यह मानती है कि पत्राचार या दूरवर्ती प्रशिक्षण के जरिये ही समय पर और तयशुदा तादाद में प्रशिक्षित शिक्षकों की प्रतिपूर्ति हो सकेगी। इसी क्रम में सरकार ने शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिये संवैतनिक अवकाश देने का निर्णय भी लिया है। इस प्रशिक्षण व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ उन स्कूलों को मिलेगा जो एक शिक्षक वाले विद्यालय हैं और उनके अध्ययन अवकाश में जाने पर शिक्षकविहीन हो जाते हैं।
विधवा उम्मीदवारों के लिये उम्र संशोधन
सरकार संविदा शिक्षक भर्ती नियमों में एक और संशोधन यह करने जा रही है कि विधवा महिला उम्मीदवार की आयु सीमा बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी जाये। इसी तरह अंशकालीन व्यावसायिक शिक्षकों की उम्र बढ़ाने का संशोधन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में संशोधन के तहत महिला अध्यापकों के लिये प्रसूति अवकाश की मौजूदा सीमा बढ़ाकर 90 दिन तय की जायेगी।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम
केन्द्र से सतत संपर्क स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनीस के मुताबिक केन्द्र द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा संबंधी अधिकार अधिनियम लागू किये जाने की सूरत में छात्रों की तयशुदा तादाद के अनुपात में शिक्षकों की आपूर्ति जरूरी होगी। इस उद्देश्य से समुचित अधोसंरचना विकास के लिये जरूरी वित्तीय संसाधन भी जुटाने होंगे। इस मकसद से राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से लगातार संपर्क किया जा रहा है।
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