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Thursday, April 15, 2010

एम.फिल तथा पी.एच.डी. की छात्रवृत्ति और अनुदान राशि दुगुनी होगी

 डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित
पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा राज्यसभा सांसद श्री वैंकेया नायडू और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज महू में आयोजित गरिमामय समारोह में ख्यातिनाम लेखक, साहित्यकार और समाज सुधारक श्री मोहनदास नैमिशराय को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया।
सम्मान स्वरूप श्री नेमिशराय को शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रूपये दिये गये। श्री नेमिशराय ने डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के आंदोलन को लेखन के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने तथा समाज सुधार कार्य में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान में आयोजित इस समारोह में उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री विजय शाह, अनुसूचित जाति कल्याण राज्यमंत्री श्री हरिशंकर खटीक, अन्त्यवसायी विकास निगम के अध्यक्ष श्री इंद्रेश गजभिये विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थ।

समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये कृत संकल्पित है। इस वर्ग के उत्थान के लिये धनराशि की कमी नहीं आने दी जायेगी। समाज में जो सबसे पीछे है वह हमारे लिये सबसे पहले है। समाज में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिये। उन्होंने एम.फिल. और पी.एच.डी. की छात्रवृत्ति तथा आकस्मिक अनुदान राशि बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब एम.फिल. की छात्रवृत्ति डेढ़ हजार रूपये प्रतिमाह के बजाय तीन हजार रूपये की जायेगी। इसका आकस्मिक अनुदान 2 हजार की जगह 4 हजार रूपये होगा। इसी तरह पी.एच.डी. की छात्रवृत्ति तीन हजार रूपये की जगह पांच हजार रूपये प्रतिमाह तथा आकस्मिक अनुदान 10 हजार रूपये से बढ़ाकर 15 हजार रूपये किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान को अब एक करोड़ 32 लाख रूपये की जगह दो करोड़ 32 लाख रूपये की अनुदान राशि दी जायेगी।

समारोह को संबोधित करते हुये सांसद श्री वैकेया नायडू ने कहा कि सामाजिक बुराइयों को जनजागृति के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। जन जागृति के लिये बुद्धि जीवियों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता समय की जरूरत है। देश में सामाजिक उत्थान के लिये कार्य करने वालों की कमी नहीं रही है। उन्हीं में से एक बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज में नयी चेतना लाने का अनूठा काम किया था। समाज में सभी को समान अवसर और सामाजिक न्याय मिलना चाहिए। विविधता में एकता अपने देश की विशेषता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर को सामाजिक समरसता का पुरोधा माना गया है। उन्होंने देश की आवश्यकता एवं परिस्थिति के अनुरूप सामाजिक चिंतन दिया। देश के विचारकों के विचार और सिद्धांत ही हमें सही राह दिखा सकते हैं।

श्री मोहनदास नैमिशराय ने अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में कहा कि समाज के हित में साहित्य की रचना समय की जरूरत है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को सामाजिक न्याय दिलाने में मदद करें। उन्होंने कहा आदर्शों एवं अच्छे सिद्धांतों को व्यवहार रूप में लाना चाहिये।

कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के महानिदेशक श्री आर.एन.बैरवा ने स्वागत भाषण देते हुये संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी।

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