छह माह पहले दैवेभो का वेतन लगभग दोगुना हुआ था
सागर. डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को अब कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर वेतन दिया जाएगा। सोमवार को विवि प्रशासन ने अपने ही एक आदेश को लगभग छह माह बाद निरस्त करते हुए यह नया आदेश जारी किया है। जिसमें अकुशल, अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों का वेतन निर्धारित किया गया है। विवि में दो सौ से अधिक दैवेभो कर्मचारी कार्यरत हैं।गौरतलब है कि विवि प्रशासन ने लगभग छह माह पहले दैवेभो का वेतन लगभग दोगुना कर दिया था। जिस पर केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने स्पष्टीकरण मांगा था। इस प्रकरण को 10 अप्रैल को दिल्ली में हुई वित्त समिति की बैठक में भी रखा गया था। समिति के निर्णय के परिपालन में सोमवार को प्रभारी कुलपति प्रो. आरएस कसाना, कुलसचिव प्रो. एनके जैन, वित्त अधिकारी पीएन सिंह के बीच लंबी चर्चा हुई। दोपहर करीब 2:30 बजे एक नया आदेश जारी किया गया।इस आदेश से कर्मचारियों के चेहरे मुरझाए हुए थे।
आदेश की प्रति मिलने पर दैवेभो अब हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में जुट गए हैं। दैवेभो कर्मचारी संघ के कई पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं से भी संपर्क किया। सोमवार को ही दैवेभो कर्मचारियों की ओर से कुलपति के नाम एक ज्ञापन दिया गया। जिसमें समान सेवा शर्तो के अनुरूप नियुक्त कर्मचारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया। ज्ञापन में बताया गया कि समान सेवा शर्तो के अधीन नियुक्त लगभग 60 दैवेभो को न्यूनतम वेतन एवं नियमित वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है। जबकि अन्य कर्मचारी इस लाभ से लाभ वंचित हैं।
आदेश की प्रति मिलने पर दैवेभो अब हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में जुट गए हैं। दैवेभो कर्मचारी संघ के कई पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं से भी संपर्क किया। सोमवार को ही दैवेभो कर्मचारियों की ओर से कुलपति के नाम एक ज्ञापन दिया गया। जिसमें समान सेवा शर्तो के अनुरूप नियुक्त कर्मचारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया। ज्ञापन में बताया गया कि समान सेवा शर्तो के अधीन नियुक्त लगभग 60 दैवेभो को न्यूनतम वेतन एवं नियमित वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है। जबकि अन्य कर्मचारी इस लाभ से लाभ वंचित हैं।


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