-->


MP TOP STORIES

Thursday, April 15, 2010

देश का पहला बौद्ध विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश में स्थापित होगा

 अम्बेडकर स्मारक को और भव्य बनाया जायेगा
देश का पहला बौद्ध विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश में शुरू होगा। अम्बेडकर महाकुंभ की तरह ही संत कबीर के नाम पर भी कार्यक्रम आयोजित होगा। बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्मस्थली महू में बने स्मारक को और अधिक भव्य बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने यह बात आज अम्बेडकर जन्म स्थली महू में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकया नायडू के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता सम्मेलन में कही। सम्मेलन में प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री विजय शाह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सत्यनारायण जटिया, पूर्व मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया और अनुसूचित जाति कल्याण राज्यमंत्री श्री हरिशंकर खटीक विशेष रूप से मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आगे कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार के लिये साँची के समीप बौद्ध विश्वविद्यालय खोला जायेगा। इसके लिये 65 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गयी है। इस वर्ष से मध्यप्रदेश में कुल बजट की पन्द्रह प्रतिशत राशि दलित कल्याण की योजनाओं में खर्च होगी क्योंकि प्रदेश में दलितों की आबादी पन्द्रह प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर पुण्यभूमि महू आने वाले सभी श्रद्धालु राज्य सरकार के मेहमान है। प्रदेश सरकार ने महू की जनता की भागीदारी से इस आयोजन को भव्य स्वरूप दिया है। दलित और शोषितों के कल्याण के कार्यक्रम बनाकर क्रियान्वित करना ही स्व. अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर स्मारक को भव्य स्वरूप प्रदान किया जायेगा। भूतल पर स्थित हाल में बाबा साहेब की अष्टधातु की प्रतिमा लगायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रविदास शिल्प विकास निगम के माध्यम से दलित युवकों को रोजगार दिलाने में मदद की जायेगी। प्रदेश में मजदूर सुरक्षा योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना जैसी योजनाएं बनायी गयी हैं क्योंकि दीन-दुखियों की सेवा ही भगवान की सेवा है।

कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकया नायडू ने कहा कि कि जातिवाद देशहित में नहीं है, यह समाप्त होगा तब ही देश का उत्थान होगा। मजहब के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिये। दलित हमारे समाज का अभिन्न अंग है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ध्यान देकर गरीबी दूर की जा सकती है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। अम्बेडकर स्मारक पर आने वाले सालों में पूरे देश से लोग आयेंगे। बाबा साहेब अम्बेडकर ने सामाजिक परिवर्तन के लिये देश की जनता को जागरूक किया। वर्तमान में यदि देश में निरक्षरता, पेयजल का अभाव और गरीबी जैसी समस्या है तो आत्म परीक्षण करना चाहिये। मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी जैसी अनूठी योजना बनायी गयी है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाना चाहिये। शिक्षा के अधिकार के क्रियान्वयन के लिये केन्द्र द्वारा राज्य सरकारों को धन उपलब्ध कराना चाहिये।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि अम्बेडकर भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूत देखना चाहते थे। महू में उनके स्मारक का निर्माण पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुन्दरलाल पटवा के कार्यकाल में शुरू हुआ था। कार्यक्रम में प्रख्यात समाजसेवी श्री भीकुराम दाते ने बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में बौद्ध भदन्त श्री सदानंद जी भंते, भंते संघशील ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय बौद्ध स्मारक परिनिर्वाण समिति के अध्यक्ष श्री इन्द्रेश गजभिये ने कहा कि इंदौर में बाबा साहेब अम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा लगना चाहिये। आरंभ में स्वागत उद्बोधन आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री विजयशाह ने दिया तथा अंत में आभार प्रदर्शन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने किया। सम्मेलन में विधायक सर्व श्री रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता और जीतू जीराती, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश परसावदिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।

0 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio