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Tuesday, April 6, 2010

शिक्षकों को कमजोर बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण मिलेगा : चिटनीस

 अभिभावक  बच्चों को स्कूल भेजने का संकल्प ले
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों को कमजोर बच्चों को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण देगी। पढ़ाई में पिछड़े बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों में धैर्य व संयम भी होना जरूरी है। श्रीमती अर्चना चिटनीस आज समन्वय भवन में जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थी।
कार्यशाला में जिला पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती कल्पना मीना, कोलार नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती मुन्नी देवी यादव, श्री भागीरथ कुमरावत, प्रमुख सचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री मनोज झालानी आदि उपस्थित थे।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि अनिवार्य व नि:शुल्क शिक्षा के कानून के तहत 6 से 14 आयु का कोई भी बच्चा अगर स्कूल पहुँचता है तो हमें उसे शिक्षित करना होगा, उसकी प्रायमरी शिक्षा पूर्ण कराना होगी। उन्होंने बताया कि शालाओं से बाहर रहने वाले बच्चों की जानकारी अब एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध है, अब इसके लिए किसी को आरटीआई में जाने की जरूरत नहीं होगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऐसे बच्चों की संख्या भी अधिक है जो शाला में प्रवेश तो ले लेते हैं किन्तु शाला ही नहीं जाते, सरकार इस पर भी विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि अनिवार्य शिक्षा के कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को भी जोड़ा जाना चाहिए। माता-पिता, अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने का संकल्प लेना चाहिए। गैर आवासीय ब्रिज कोर्स में संशोधन कर शेष रह गये बच्चों को भी इसमें शामिल किया जायेगा।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सोच और मंशा के अनुरूप स्कूलों में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराई जायेगी। बच्चों को ऐसी शिक्षा मिलनी चाहिए जो आगे चलकर उनके जीविकोपार्जन में सहायक हो। 
शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखें बल्कि उसे हुनर व कौशल से भी जोड़े। स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले इसके लिए पढ़ाई की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए नियुक्त किये अकादमिक समन्वयक अब केवल पढ़ाई की ओर ही ध्यान देंगे। सरकार भी शासकीय स्कूलों में व्याप्त कर्मियों और कमजोरियों को दूर करेगी।

श्रीमती अर्चना चिटनीस ने गरीब, मजदूरों के बच्चों को शिक्षार्जन के लिए मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने के भी निर्देश कार्यशाला में दिये। श्रीमती अर्चना चिटनीय ने वार्ड नंबर 62 के पार्षद गिरीष शर्मा की मांग पर नरेला शंकरी के मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में उन्नयन करने की घोषणा की। 
उन्होंने भोपल रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पाये जाने वाले बच्चों को गैर आवासीय ब्रिज कोर्स के माध्यम से मिलने वाली शिक्षा सुविधा को आवासीय ब्रिज कोर्स में तब्दील करने पर भी स्वीकृति दी। उन्होंने कोलार क्षेत्र में अपनी माँ के साथ झाडू-पोछा करने वाली आवासीय ब्रिज कोर्स की कु. वर्षा कीर की मांग पर होस्टल की स्वीकृति भी दी।

कार्यशाला में भाग लेने वाले, निजी व शासकीय स्कूलों के प्राचार्यों, संचालकों, स्वैच्छिक संस्थानों, के प्रतिनिधियों, शिक्षाविद, शिक्षकों और समाज सेवियों ने स्कूल शिक्षा मंत्री से एक्ट के संबंध में प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। 
प्रारंभ में श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, श्री मनोज झालानी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व लोक शिक्षण आयुक्त श्री एल.एस. बघेल, पार्षद सर्वश्री सुरजीत सिंह चौहान एवं किशन रघुवंशी, भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक श्री ओ.पी. शर्मा सहित अनेक अधिकारी आदि मौजूद थे।

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