स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि आगामी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों में पिछले साल केन्द्राध्यक्ष सहित जो अमला तैनात था वो अब उस केन्द्र पर पुन: तैनात नहीं किया जायेगा।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने उक्त निर्देश आज अपने निवास पर हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं की तैयारियों के लिये आयोजित समीक्षा बैठक में दिये। उक्त बैठक में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अध्यक्ष श्री राकेश बंसल, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री मनोज झालानी, मण्डल सचिव श्री लक्ष्मीकान्त द्विवेदी, संचालक लोक शिक्षण डॉ. ए.के. मिश्रा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रत्येक जिला कलेक्टर को तैयारियों की नियमित समीक्षा के निर्देश तत्काल दिये जायें। जिन जिलों में परीक्षार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है, वहां उस अनुपात में परीक्षा केन्द्र भी बढ़ाये जायें। परीक्षा केन्द्रों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर से अधिक न हो। परीक्षा केन्द्रों में बिजली, पीने का पानी, मेडिकल किट, इलेक्ट्राल पावडर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखी जाये। परीक्षार्थी के अस्वस्थ होने पर उसके लिये बिस्तर की भी व्यवस्था केन्द्र पर हो। परीक्षा की पवित्रता तथा आवश्यक व्यवस्थाएं बनाये रखने के लिये बोर्ड विशेष ध्यान दे।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले एक शिक्षक को एक दिन में न्यूनतम 30 और अधिकतम 45 उत्तर पुस्तिकाएं सौंपी जायें। उसे किसी भी स्थिति में 45 कॉपी से अधिक न दी जाये। उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन शुल्क में इस वर्ष एक-एक रुपये की वृद्धि कर दी गई है। अब 10वीं की एक उत्तर पुस्तिका के जांचने पर जांचकर्त्ता को 6 रुपये तथा 12वीं के जांचकर्त्ता को 7 रुपये दिये जायेंगे। गत वर्ष की तरह इस साल भी छात्रों को रिजल्ट घोषित होने तथा पुनर्गणना की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनकी मांग पर उत्तर पुस्तिकाएं दी जा सकेंगी। ऐसे नियमित विद्यार्थी जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है उन्हें स्वाध्यायी छात्र के रूप में परीक्षा देना होगी।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने इस बात की सख्त हिदायत दी कि इस साल उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। उत्तर पुस्तिका की पुनर्गणना में गलती पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। परीक्षा कार्य में वर्क क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने परीक्षा के कार्य से मना करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिये। मूल्यांकन का कार्य समय-सीमा में हो तथा रिजल्ट समय पर आये इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। परीक्षा केन्द्रों में नकल रोकने के सख्त उपाय किये जायें। नकल के मामले में परीक्षार्थी की तलाशी लेते समय शालीनता का ध्यान रखा जाये। परिक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से संचालित हों तथा परीक्षार्थियों को कोई परेशानी अथवा कठिनाई न हो इस बात का भी ध्यान रखा जाये।
बोर्ड परिक्षाओं की जानकारी देते हुये श्री राकेश बंसल ने बताया कि वर्ष 2010 की हाई स्कूल परीक्षा में 873621 तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा में 497599 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 21.45 प्रतिशत परीक्षार्थी अधिक शामिल होंगे। हाईस्कूल परीक्षा के लिये 3027 तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा हेतु 2566 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 16.28 प्रतिशत अधिक है।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रत्येक जिला कलेक्टर को तैयारियों की नियमित समीक्षा के निर्देश तत्काल दिये जायें। जिन जिलों में परीक्षार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है, वहां उस अनुपात में परीक्षा केन्द्र भी बढ़ाये जायें। परीक्षा केन्द्रों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर से अधिक न हो। परीक्षा केन्द्रों में बिजली, पीने का पानी, मेडिकल किट, इलेक्ट्राल पावडर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखी जाये। परीक्षार्थी के अस्वस्थ होने पर उसके लिये बिस्तर की भी व्यवस्था केन्द्र पर हो। परीक्षा की पवित्रता तथा आवश्यक व्यवस्थाएं बनाये रखने के लिये बोर्ड विशेष ध्यान दे।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले एक शिक्षक को एक दिन में न्यूनतम 30 और अधिकतम 45 उत्तर पुस्तिकाएं सौंपी जायें। उसे किसी भी स्थिति में 45 कॉपी से अधिक न दी जाये। उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन शुल्क में इस वर्ष एक-एक रुपये की वृद्धि कर दी गई है। अब 10वीं की एक उत्तर पुस्तिका के जांचने पर जांचकर्त्ता को 6 रुपये तथा 12वीं के जांचकर्त्ता को 7 रुपये दिये जायेंगे। गत वर्ष की तरह इस साल भी छात्रों को रिजल्ट घोषित होने तथा पुनर्गणना की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनकी मांग पर उत्तर पुस्तिकाएं दी जा सकेंगी। ऐसे नियमित विद्यार्थी जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है उन्हें स्वाध्यायी छात्र के रूप में परीक्षा देना होगी।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने इस बात की सख्त हिदायत दी कि इस साल उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। उत्तर पुस्तिका की पुनर्गणना में गलती पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। परीक्षा कार्य में वर्क क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने परीक्षा के कार्य से मना करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिये। मूल्यांकन का कार्य समय-सीमा में हो तथा रिजल्ट समय पर आये इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। परीक्षा केन्द्रों में नकल रोकने के सख्त उपाय किये जायें। नकल के मामले में परीक्षार्थी की तलाशी लेते समय शालीनता का ध्यान रखा जाये। परिक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से संचालित हों तथा परीक्षार्थियों को कोई परेशानी अथवा कठिनाई न हो इस बात का भी ध्यान रखा जाये।
बोर्ड परिक्षाओं की जानकारी देते हुये श्री राकेश बंसल ने बताया कि वर्ष 2010 की हाई स्कूल परीक्षा में 873621 तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा में 497599 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 21.45 प्रतिशत परीक्षार्थी अधिक शामिल होंगे। हाईस्कूल परीक्षा के लिये 3027 तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा हेतु 2566 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 16.28 प्रतिशत अधिक है।
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