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Monday, December 28, 2009

हर क्षेत्र में युवा नेतृत्व की जरूरत

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि आज हर क्षेत्र में युवा नेतृत्व की जरूरत है। श्री चौहान आज सुबह मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी परिसर में स्वामी विवेकानंद केंद्र के मध्य प्रांत द्वारा आयोजित राष्ट्र प्रहरी शिविर का शुभारंभ कर रहे थे। पांच दिवसीय शिविर में मध्यप्रदेश के 50 और उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के 980 महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएँ भाग ले रहे हैं।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार 'मानव महज साढ़े तीन हाथ का पुतला भर नहीं है। वह अमर आनंद का भागी है, अनंत शक्तियों का स्वामी है, ईश्वर का अंश है और उसके लिये कुछ भी असंभव नहीं है।' शिवरार्थी विद्यार्थियों को स्वामीजी की इस बात को आत्मसात कर पहले अपने जीवन और फिर समाज, प्रदेश और देश के नवनिर्माण में जुटना होगा। धर्म, प्रांत, जाति और समुदाय की क्षुद्र भावनाओं से परे और अपने लिये जीने का लक्ष्य छोड़कर दूसरों के लिये जीने की प्रेरणा ही सच्चे भारतीय की पहचान है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिये सबसे अहम लक्ष्य कैरियर होता है। होना भी चाहिये, मैं इससे इंकार नहीं करता, परंतु हमें यह भी ध्यान रखना चाहिये कि देश और समाज होगा, तो कैरियर होगा। इसलिये कैरियर की चिंता के साथ एक अच्छे देशभक्त, ऊर्जावान नागरिक बनना भी हमारा लक्ष्य होना चाहिये। देशभक्त और ऊर्जावान युवा शक्ति ही किसी भी देश की असली शक्ति होती है और आपको ऐसी ही शक्ति में तब्दील होना चाहिये।
श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र प्रहरी जैसे शिविर व्यक्त्तित्व निर्माण में बहुत सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं उनके जीवन पर बेलूर मठ के सात दिवसीय और ग्वालियर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक माह के ओ.टी.सी. शिविर का बहुत प्रभाव रहा है। श्री चौहान ने कहा कि स्वस्थ्य शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के समुच्चय का सुख भारतीय दर्शन का मूल है और शिविरार्थी इसी अनुरूप ही अपने जीवन को बनाये।
श्री चौहान ने कहा कि सब कुछ सरकार के भरोसे छोड़ देने की प्रवृत्ति और बार-बार के चुनाव देश के विकास में सबसे बड़े अवरोधक है। उन्होंने प्रदेश और देश के विकास के लिये समाज से आगे आने का आव्हान किया।
उन्होंने 'आईये अपना मध्यप्रदेश बनाये' अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि सब लोग अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करने, हरियाली, पानी और बिजली बचाने, नशामुक्ति और स्वच्छता लाने जैसे रचनात्मक कामों के जरिये इसमें भागीदारी कर सकते हैं। श्री चौहान ने कहा कि पांच साल में एक बार सभी विधायी, नगरीय और पंचायत निकायों के चुनाव एक साथ करवाने, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का प्रत्यक्ष निर्वाचन और चुनाव खर्च की स्टेट फंडिंग देश की प्रगति के लिये आवश्यक है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और जीव सेवा संस्थान के संचालक श्री सिद्धभाऊ ने कहा कि सकारात्मक विचारों से ही जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल हो सकती है। उन्होंने देश और समाज के प्रति नागरिकों के कर्त्तव्यों के हवाले से कहा कि आज आम नागरिक में राष्ट्र और समाज की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता नहीं होना चिंतनीय है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि यह शिविर सच्चरित्र और देशभक्ति नागरिक गढ़ने में अहम होगा।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान, श्री सिद्धभाऊ, विवेकानंद केंद्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीदी निवेदिता, केंद्र के मध्य प्रांत संचालक श्री पुरूषोत्तम लाल चतुर्वेदी और मित्तल इंस्टीट्यूट के चेयरमेन श्री नंदकुमार मित्तल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शिविर प्रमुख श्री मनोज गुप्ता ने शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की। श्री नरेंद्र भैय्या ने शिविर गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरूआत मंगलाचरण और समापन शांति मंत्र से हुआ। आभार प्रदर्शन श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने किया।

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