अध्यापकों द्वारा सड़कों पर अभद्र प्रदर्शन को शासन ने गंभीरता से लिया
Bhopal:Sunday, September 27, 2009:Updated 17:15IST शिक्षक दिवस पांच सितम्बर को जो अध्यापक व शिक्षक स्कूल में अनुपस्थित थे, उन्हें शासन द्वारा कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की चेतावनी दी गई है। उक्त जानकारी आज स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने दी।श्रीमती अर्चना चिटनीस ने बताया कि शिक्षक दिवस पर भोपाल में अध्यापकों द्वारा महिला शिक्षकों की उपस्थिति में किये गये अर्धनग्न प्रदर्शन को शासन ने गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार ने इस प्रकार के प्रदर्शन को अभद्र व अशोभनीय माना है। अध्यापकों ने सड़कों पर अभद्रतापूर्ण प्रदर्शन कर मध्यप्रदेश को कलंकित किया है।
पांच सितम्बर जैसी पवित्र तिथि को जब पूरा देश शिक्षक दिवस मनाकर गुरुजनों को सम्मानित करता है उस दिन अध्यापक संवर्ग के कतिपय समूह द्वारा हड़ताल एवं अशोभनीय वेशभूषा में किया गया प्रदर्शन पीड़ादायक है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार सदैव ही शिक्षकों के हितों के प्रति चिंतित रहे हैं। राज्य सरकार ने शिक्षक संवर्ग को जितने लाभ प्रदान किये हैं वे निश्चित ही ऐतिहासिक हैं। किन्तु बावजूद इसके आंदोलन की स्थिति उत्पन्न होना निश्चित ही पीड़ादायक है।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति कार्यदिवसों में अनिवार्य रूप से बनी रहना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की जगह कक्षाओं में है न कि सड़कों पर। बच्चों को पढ़ाने के स्थान पर सड़कों पर अशोभनीय प्रदर्शन करना निंदनीय है। सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति कार्यदिवसों में अनिवार्य रूप से बनी रहना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की जगह कक्षाओं में है न कि सड़कों पर। बच्चों को पढ़ाने के स्थान पर सड़कों पर अशोभनीय प्रदर्शन करना निंदनीय है। सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
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