सागर/२५ अगस्त राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के नाम सागर विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंपे ज्ञापन मे भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने २२ अगस्त को विवि के फार्मेसी विभाग मे सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के कथित परिचय लेने की घटना के रैंगिग या अनुशासनहीनता बताए जाने पर छिड़ी बहस को दरकिनार कर उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों को कड ी सजा दिलाए जाने की मांग की है।
राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन मे मोर्चे के जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी ने २२ अगस्त को विवि के फार्मेसी विभाग मे हुई घटना व उस पर विवि प्रशासन व पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही पर ही कई सवाल उठाए हैं।
ज्ञापन मे राष्ट्रपति महोदय से निवेदन किया गया है कि विवि प्रशासन से पूछा जाए कि अगर घटना रैंगिंग नहीं अनुशासनहीनता थी तो इन विद्यार्थियों को कई घण्टों तक पुलिस अभिरक्षा मे क्यों रखा गया। विवि ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के रैंगिंग रोकने संबंधी निर्देशोर्ं का पालन क्यों नहीं किया।
भाजयुमो ने राष्ट्रपति को संबोधित अपने ज्ञापन की प्रतिलिपियां मानव संसाधन मंत्रालय, यूजीसी के चेयरमेन, राष्ट्रीय महिला आयोग व जिला के प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजीं है। जिसमें उन्होने इस सारे मे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए राष्ट्रपति से उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही कराए जाने की मांग की है।
इस मामले में क्षेत्र के सांसद भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने भी गंभीर चिंता जताई है। भाजयुमो द्वारा इस मामले को सांसद की जनचौपाल मे उठाए जाने पर सासंद ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय से रैंगिंग से जुड े समाचार आना चिंता का विषय है। ऐसी घटनाएं विवि मे दूरदराज से पढ ने आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों मे चिंता को जन्म देतीं है। उन्होने कहा कि वे पृथक से भी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र लिखेंगें।
इसी सिलसिले में फार्मेसी विभाग की घटना पर चारों तरफ से बढ़ते दबाव के चलते विश्वविद्यालय ने सोमवार को आनन-फानन मे घटना की जांच करने के लिए एक विशेष जांच समिति गठित कर दी है। विवि के जनसंपर्क अधिकारी प्रो० एपी दुबे के मुताबिक कुलपति एनएस गजभिए ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है। प्रो० यूएस गुप्त को जांच समिति का चेयरमेन व चार अन्य शिक्षकों पीके खरे, एएन शर्मा, अर्चना मेहता, व आरपी मिश्रा को इसका सदस्य बनाया गया है। यह समिति ४८ घण्टे के अंदर अपनी रपट कुलपति को सौंपेगी।
गौरतलब है कि इस विशेष जांच समिति के गठन के पहले तक विवि का वही प्रोक्टोरियल बोर्ड २६ अगस्त को मामले की दोबारा जांच करने वाला था। जिसने विवि के फार्मेसी विभाग मे २२ अगस्त को हुई घटना मे अनुशासनहीनता का दोषी मानकर बीफार्म द्वितीय वर्ष के १६ विद्यार्थियों-जिनमें सात छात्राएं भी शामिल थीं- को १५ दिनों के लिए कक्षाओं से निष्काषित किए जाने का फरमान जारी किया था।
राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन मे मोर्चे के जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी ने २२ अगस्त को विवि के फार्मेसी विभाग मे हुई घटना व उस पर विवि प्रशासन व पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही पर ही कई सवाल उठाए हैं।
ज्ञापन मे राष्ट्रपति महोदय से निवेदन किया गया है कि विवि प्रशासन से पूछा जाए कि अगर घटना रैंगिंग नहीं अनुशासनहीनता थी तो इन विद्यार्थियों को कई घण्टों तक पुलिस अभिरक्षा मे क्यों रखा गया। विवि ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के रैंगिंग रोकने संबंधी निर्देशोर्ं का पालन क्यों नहीं किया।
भाजयुमो ने राष्ट्रपति को संबोधित अपने ज्ञापन की प्रतिलिपियां मानव संसाधन मंत्रालय, यूजीसी के चेयरमेन, राष्ट्रीय महिला आयोग व जिला के प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजीं है। जिसमें उन्होने इस सारे मे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए राष्ट्रपति से उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही कराए जाने की मांग की है।
इस मामले में क्षेत्र के सांसद भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने भी गंभीर चिंता जताई है। भाजयुमो द्वारा इस मामले को सांसद की जनचौपाल मे उठाए जाने पर सासंद ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय से रैंगिंग से जुड े समाचार आना चिंता का विषय है। ऐसी घटनाएं विवि मे दूरदराज से पढ ने आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों मे चिंता को जन्म देतीं है। उन्होने कहा कि वे पृथक से भी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र लिखेंगें।
इसी सिलसिले में फार्मेसी विभाग की घटना पर चारों तरफ से बढ़ते दबाव के चलते विश्वविद्यालय ने सोमवार को आनन-फानन मे घटना की जांच करने के लिए एक विशेष जांच समिति गठित कर दी है। विवि के जनसंपर्क अधिकारी प्रो० एपी दुबे के मुताबिक कुलपति एनएस गजभिए ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है। प्रो० यूएस गुप्त को जांच समिति का चेयरमेन व चार अन्य शिक्षकों पीके खरे, एएन शर्मा, अर्चना मेहता, व आरपी मिश्रा को इसका सदस्य बनाया गया है। यह समिति ४८ घण्टे के अंदर अपनी रपट कुलपति को सौंपेगी।
गौरतलब है कि इस विशेष जांच समिति के गठन के पहले तक विवि का वही प्रोक्टोरियल बोर्ड २६ अगस्त को मामले की दोबारा जांच करने वाला था। जिसने विवि के फार्मेसी विभाग मे २२ अगस्त को हुई घटना मे अनुशासनहीनता का दोषी मानकर बीफार्म द्वितीय वर्ष के १६ विद्यार्थियों-जिनमें सात छात्राएं भी शामिल थीं- को १५ दिनों के लिए कक्षाओं से निष्काषित किए जाने का फरमान जारी किया था।
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