मध्यप्रदेश के राज्यपाल और कुलाधिपति डॉ. बलराम जाखड़ ने मौजूदा हालात और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार लाने को आवश्यक बताते हुए कुलपतियों को इस दिशा में गंभीरतापूर्वक हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 81वीं बैठक में विश्वविद्यालईन शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कुलपतियों से कहा कि शिक्षण व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते समय वे छात्र-छात्राओं के हितों का पूरा ख्याल रखें।
डॉ. जाखड़ ने निजी कॉलेजों में प्राध्यापकों और शिक्षण सुविधाओं के अभाव की शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और ऐसे महाविद्यालयों की मान्यता तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसाईकरण की मानसिकता का पनपना युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए।
बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकार मौजूद थे।
डॉ. जाखड़ ने निजी कॉलेजों में प्राध्यापकों और शिक्षण सुविधाओं के अभाव की शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और ऐसे महाविद्यालयों की मान्यता तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसाईकरण की मानसिकता का पनपना युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए।
बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकार मौजूद थे।
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