सेमेस्टर पैटर्न के आंतरिक मूल्यांकन में जीरो देकर छात्र-छात्राओं को परेशानी में डालने वाले शिक्षक और कालेजों पर गाज गिर सकती है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से इन सभी की सूची तलब की है। इसकी भनक लगते ही कालेजों ने संशोधित नंबर भेजना शुरू कर दिए हैं।
राज्य शासन द्वारा पिछले सत्र से लागू किए गए सेमेस्टर पैटर्न को कालेजों और शिक्षकों ने छात्र विरोधी बना दिया है। साल भर क्लास अटेंड करने और आंतरिक मूल्यांकन में शामिल रहने के बाद भी हजारों छात्र-छात्राओं को जीरो दिए हैं। जबकि इनमें से अधिकांश ने प्रोजेक्ट वर्क भी जमा किए थे। वहीं ऐसे भी छात्र बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें गैर हाजिर बता दिया गया है। पहले सेमेस्टर की परीक्षा के रिजल्ट आते ही ऐसे छात्र विश्वविद्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। मार्कशीट में जीरो और अनुपस्थित दर्शाने के कारण सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने लिखित में भी आवेदन जमा कराए हैं।
जानकारी के अनुसार ऐसे प्रकरणों की संख्या सैकड़ों में हैं। विवि प्रशासन कालेजों को जिम्मेदार ठहराकर अपना पल्ला झाड़ रहे है। दो महीने से भटक रहे छात्र अब उच्च शिक्षा विभाग की शरण में पहुंच गए हैं। इन छात्रों की समस्या को बेवजह बताते हुए विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से ऐसे प्रकरणों के साथ ही आंतरिक मूल्यांकन में जीरो देने वाले कालेजों और विषयवार शिक्षकों के नाम तलब किए हैं। मूल्यांकन में लापरवाही करने वाले ऐसे सभी शिक्षकों के खिलाफ विभाग कार्रवाई का मन बना रहा है। विश्वविद्यालयों ने भी हर कालेज की विषयवार सूची तैयार करना शुरू कर दिया है। यह सूची जल्द ही आयुक्त को भेज दी जाएगी।
सक्रिय हुए कालेज प्राचार्य विभाग की कार्रवाई का पता लगते ही कई कालेजों ने नए सिरे से नंबर भेजना शुरू कर दिया है। कई कालेज तो हर छात्र के आवेदन को फारवर्ड कर उन्हें प्रत्येक पेपर में उपस्थित बताने लगे हैं।
कालेजों द्वारा भेजे गए अंकों के आधार पर ही रिजल्ट तैयार किया है। अब जिन छात्रों का सत्यापन कालेजों द्वारा किया जा रहा है, उनका संशोधित रिजल्ट हम घोषित कर रहे हैं।
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Thursday, March 26, 2009
सेशनल में जीरो देने वालों रहेगी खास नजर उच्च शिक्षा विभाग की
Labels: SAGAR UNIVERSITY
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