राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी प्रायवेट मेडीकल और डेंटल कालेजों में भी पीएमटी के माध्यम से प्रवेश देने का फैसले के चलते पीएमटी की प्रवेश परीक्षा के आयोजन मे देरी होता तय लग रहा है। आचार संहिता लगने से पीएमटी जल्दी होने की संभावना अब धुंधली होते दिख रही है। पीएमटी प्रवेश परीक्षा मे देरी की एक ओर वजह भी है डीमेट। प्रायवेट कालेजों में भी पीएमटी के माध्यम से प्रवेश देने से पूरे नियम नए सिरे से तैयार करना पड़ेंगे। आचार संहिता के दौरान यह काम संभव नहीं लगता। लिया है।
इस मामले में सबसे बड़ी बाधा बनेगी लोकसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता। जब तक आचार संहिता नहीं हट जाती, नियम घोषित नहीं किए जा सकते। जबकि आचार संहिता 16 मई के बाद ही हटेगी। यदि व्यापमं को इस बीच नियम मिल भी जाते हैं तो परीक्षा कराने में कम से कम तीन माह का समय लगेगा। ऐसे में परीक्षा का आयोजन किसी भी स्थिति में जून के पहले संभव नहीं लगता।
कानूनी दावपेंच भी आड़े आएंगे
Read Paid Emails
Saturday, March 14, 2009
पीएमटी परीक्षा पर लगा चुनाव आचार संहिता का ग्रहण..
तीन साल से यह परीक्षाएं कालेज एसोसिएशन द्वारा कराई जा रही थीं। सरकार के इस फैसले से पीएमटी भी विवाद में फंसती दिख रही है। इसकी वजह है दोनो परीक्षाओं का अलग-अलग स्वरूप। पीएमटी राज्य स्तर की परीक्षा है। इसमें केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासी ही शामिल हो सकते हैं। जबकि डीमेट का आयोजन एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। सरकार के इस फैसले से पीएमटी के नए नियम बनाना चिकित्सा विभाग की मजबूरी हो गई है। जब तक नियम तैयार नहीं हो जाते, परीक्षा की तैयारी भी शुरू नहीं हो सकती।
करना होगा आचार संहिता हटने का इंतजार
वर्तमान में सबसे बड़ी बाधा अदालत की है। कालेज एसोसिएशन इस मामले में अदालत की शरण में पहुंच गया है। अदालत ने शासन को नोटिस देकर 25 मार्च तक जवाब तलब किया है। इस मामले का निराकरण होने के बाद ही परीक्षा के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अदालत का फैसला आने तक शासन अंतिम नियम भी नहीं बना सकता।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment