परीक्षा वह कसौटी है, जिस पर खरे और खोटे की जांच होती है। अब परीक्षाएं कहीं शुरू हो गई हैं। कहीं पर होने वाली हैं। आप किसी एक बात को लेकर चिंतित है तो वह है परीक्षा का भय। कुछ विद्यार्थी परीक्षा के भय से जरूरत से ज्यादा परेशान हो जाते हैं, तो कुछ उसे दूर भगाने का उपाय तलाशते रहते हैं। ऎसे में यह जानना जरूरी है कि परीक्षा से भागने या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। विशेषकर कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड के छात्रों को कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है :
*पढ़ाई की योजना ऎसी होना चाहिए, जिसमें एक ही विषय के लिए लगातार पांच दिन रखे जाएं।
*पसंदीदा और आसान चेप्टर्स के साथ-साथ कठिन पाठ्यक्रमों को दोहराना चाहिए।
*लगातार अधिक देर तक नहीं पढ़ना चाहिए। बीच-बीच में ब्रेक जरूरी है।
*पढ़ाई के लिए शांत जगह की तलाश करें। ऎसी जगह जहां किसी प्रकार का डिस्टर्बेंस न हो। परीक्षा में सफल होने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है।
*सेम्पल पेपर्स व गत वर्षो के पेपर्स हल करें, इससे परीक्षा का पूर्वाभ्यास होता है। साथ ही प्रैक्टिस भी बढ़ती है।
*जिन टॉपिक्स में परेशानी आती है, उसे अनदेखा करने के स्थान पर किसी की सलाह से तुरंत समझें।
*प्रश्न-पत्र प्राय: एनसीईआरटी की पुस्तकों से तैयार होता है। अत: एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई करें।
*ज्यादा अंक वाले प्रश्नों को पहले हल करें और कम अंकों वाले प्रश्न बाद में करें। इससे समयाभाव के समय केवल कम अंक के प्रश्न ही छूटे।
*वेटेज वाले चेप्टर को अधिक महत्व दें। कम वेटेज के चेप्टर को परीक्षा के समय सामान्य रूप से पढे़ं। छात्रों के साथ अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करें।
*पढ़ाई के लिए बच्चों पर बहुतअधिक दबाव डालने के स्थान पर उन्हें समझाएं और जानने का प्रयास करें कि किस कारण उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
*अपने बच्चे में आत्मविश्वास पैदा करें।
*पढ़ाई के समय उसके खाने का ध्यान रखें। इन दिनों हलका, ताजा, पौष्टिक और घर का भोजन कराएं।
*बच्चों की आंखों पर विशेष ध्यान दें। गुलाब जल या आवश्यक आई ड्राप का उपयोग करें।
*बच्चों के साथ कुछ समय जरूर बिताएं।
*घर में सकारात्मक वातावरण बनाएरखें।
*बच्चों की खूबियों की तारीफ करें।
*परीक्षा के दिनों में घर में कोई आयोजन न करें।
*बच्चों को हल्का व्यायाम करने को कहें।
*पसंदीदा और आसान चेप्टर्स के साथ-साथ कठिन पाठ्यक्रमों को दोहराना चाहिए।
*लगातार अधिक देर तक नहीं पढ़ना चाहिए। बीच-बीच में ब्रेक जरूरी है।
*पढ़ाई के लिए शांत जगह की तलाश करें। ऎसी जगह जहां किसी प्रकार का डिस्टर्बेंस न हो। परीक्षा में सफल होने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है।
*सेम्पल पेपर्स व गत वर्षो के पेपर्स हल करें, इससे परीक्षा का पूर्वाभ्यास होता है। साथ ही प्रैक्टिस भी बढ़ती है।
*जिन टॉपिक्स में परेशानी आती है, उसे अनदेखा करने के स्थान पर किसी की सलाह से तुरंत समझें।
*प्रश्न-पत्र प्राय: एनसीईआरटी की पुस्तकों से तैयार होता है। अत: एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई करें।
*ज्यादा अंक वाले प्रश्नों को पहले हल करें और कम अंकों वाले प्रश्न बाद में करें। इससे समयाभाव के समय केवल कम अंक के प्रश्न ही छूटे।
*वेटेज वाले चेप्टर को अधिक महत्व दें। कम वेटेज के चेप्टर को परीक्षा के समय सामान्य रूप से पढे़ं। छात्रों के साथ अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करें।
*पढ़ाई के लिए बच्चों पर बहुतअधिक दबाव डालने के स्थान पर उन्हें समझाएं और जानने का प्रयास करें कि किस कारण उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
*अपने बच्चे में आत्मविश्वास पैदा करें।
*पढ़ाई के समय उसके खाने का ध्यान रखें। इन दिनों हलका, ताजा, पौष्टिक और घर का भोजन कराएं।
*बच्चों की आंखों पर विशेष ध्यान दें। गुलाब जल या आवश्यक आई ड्राप का उपयोग करें।
*बच्चों के साथ कुछ समय जरूर बिताएं।
*घर में सकारात्मक वातावरण बनाएरखें।
*बच्चों की खूबियों की तारीफ करें।
*परीक्षा के दिनों में घर में कोई आयोजन न करें।
*बच्चों को हल्का व्यायाम करने को कहें।
0 comments:
Post a Comment