भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक नया उपग्रह विकसित किया है जो बादल होने के बावजूद भी चित्र खींच सकता है। इस उपग्रह के जरिए तूफान, बाढ़ और कृषि से संबंधित जानकारी के लिए अंतरिक्ष आधारित कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि मौजूदा समय में भारत का अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह इंफ्रारेड बैन्ड्स पर काम करता है जो केवल तभी काम करता है जब आसमान में बादल न हों।
इसरो के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने बताया कि अकसर तूफान और बाढ़ की स्थिति में आसमान में बादल होते हैं। बदालों से तस्वीर लेने में नया रडार इमेजिंग उपग्रह काफी महत्वपूर्ण होगा। भारत ने कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के साथ सहयोग किया है। नायर ने कहा कि अपना उपग्रह कक्षा में स्थापित होने के बाद हम उसे हर मकसद के लिए प्रयोग कर सकेंगे। मानसून के दौरान कृषि संबंधी जानकारी के आकलन का भी मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि 1780 किलोग्राम भार का अंतरिक्ष यान कमोबेश तैयार है और छोड़े जाने के क्रम में है।
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