इस बार रैगिंग के मामले सामने आने पर संबंधित कॉलेज प्रबंधन व खुद प्राचार्य पर गाज गिर सकती है। कॉलेजों मे रैगिंग रोकने के मामले मे सर्वोच्च न्यायालय की सख्त हिदायतों के साथ साथ उच्च शिक्षा विभाग भी काफी सख्ती से काम कर रहा है. .रैगिंग सिद्ध होने पर संबंधित कॉलेज की न केवल मान्यता समाप्त होगी बल्कि दोषी छात्रों के खिलाफ थानों मे मामले दर्ज किए जाएंगें। इसके अलावा रैगिंग के मामले पर पर्दा डालने के प्रयास होने पर प्राचार्य के खिलाफ भी थानों मे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देंशों पर राज्य शासन ने पिछले साल रैंगिग के मामले मे जीरो टालरेंस की नीति बनाई थी। इसी नीति के तहत हर कॉलेज मे एंटी रैगिंग कमेटियां भी बनाईं गईं थीं।
इस दिशा मे पिछले हफ्ते उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को निर्देश जारी करते हुए रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की अपनी मंशा जाहिर कर दी है। निर्देशों मे यह स्पष्ट कर दिया गया है कि रैगिंग के मामलों के छुपाने के प्रयास किए जाने पर संबंधित कॉलेज को दोषी मानकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
इस दिशा मे पिछले हफ्ते उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को निर्देश जारी करते हुए रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की अपनी मंशा जाहिर कर दी है। निर्देशों मे यह स्पष्ट कर दिया गया है कि रैगिंग के मामलों के छुपाने के प्रयास किए जाने पर संबंधित कॉलेज को दोषी मानकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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