इंजीनियरिंग कॉलेजों की मनमानी फीस वसूलनी की मंशा के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों को राहत देते हुए प्रदेश की प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने कॉलेजों को हिदायत दी है कि अगर वो विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूलने से बाज नहीं आए तो उन्हें दण्ड के रूप मे दस लाख रूपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
फीस समिति ने एक लिखित आदेश के जरिए निजी कॉलेजों से वर्ष 2007-08 मे प्रवेश लेने वाले छात्रों से विभिन्न मदों मे ली जाने वाली संपूर्ण फीस का ब्यौरा समिति के सामने रखें। समिति ने निजी कॉलेजो पर पूरा भरोसा नहीं करते हुए इन संस्थाओं मे पढ़ने वाले विद्यार्थिंयों से कहा है कि अगर कॉलेज द्वारा समिति द्वारा तय शुल्क से ज्यादा फीस वसूली जाती है या फिर एरियर की मांग की जाती है तो पीड़ित छात्र शपथ पत्र के साथ पूरे साक्ष्य संलग्न कर विनियामक समिति को व्यक्तिगत स्तर पर या डाक् से शिकायत भेज सकते हैं।
फीस समिति ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस बढ़ाने की घोषणा के साथ ही यह निर्देश जारी किए थे कि तकनीकि शिक्षण संस्थान निर्धारित की गई फीस मे संस्थाओं के सभी अतिरिक्त खर्चों को शामिल किया गया है। इसलिए वे छात्रों से किसी भी रूप मे अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकते हैं।
लेकिन सूत्रों से पता चला है कि निजी तकनीकि सस्थान वर्ष 2007-08 के विद्यार्थिंयों से तय अध्ययन शुल्क तथा हाल ही मे प्रवेश विनियामक समिति द्वारा घोषित शुल्क के अंतर को एरियर के रूप मे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। समिति ने वर्ष 2007-08 के छात्रों से संस्थाओं द्वारा किसी भी प्रकार का एरियर लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
फीस समिति ने एक लिखित आदेश के जरिए निजी कॉलेजों से वर्ष 2007-08 मे प्रवेश लेने वाले छात्रों से विभिन्न मदों मे ली जाने वाली संपूर्ण फीस का ब्यौरा समिति के सामने रखें। समिति ने निजी कॉलेजो पर पूरा भरोसा नहीं करते हुए इन संस्थाओं मे पढ़ने वाले विद्यार्थिंयों से कहा है कि अगर कॉलेज द्वारा समिति द्वारा तय शुल्क से ज्यादा फीस वसूली जाती है या फिर एरियर की मांग की जाती है तो पीड़ित छात्र शपथ पत्र के साथ पूरे साक्ष्य संलग्न कर विनियामक समिति को व्यक्तिगत स्तर पर या डाक् से शिकायत भेज सकते हैं।
फीस समिति ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस बढ़ाने की घोषणा के साथ ही यह निर्देश जारी किए थे कि तकनीकि शिक्षण संस्थान निर्धारित की गई फीस मे संस्थाओं के सभी अतिरिक्त खर्चों को शामिल किया गया है। इसलिए वे छात्रों से किसी भी रूप मे अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकते हैं।
लेकिन सूत्रों से पता चला है कि निजी तकनीकि सस्थान वर्ष 2007-08 के विद्यार्थिंयों से तय अध्ययन शुल्क तथा हाल ही मे प्रवेश विनियामक समिति द्वारा घोषित शुल्क के अंतर को एरियर के रूप मे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। समिति ने वर्ष 2007-08 के छात्रों से संस्थाओं द्वारा किसी भी प्रकार का एरियर लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
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