प्रदेश में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को बीई के द्वितीय वर्ष में समानांतर प्रवेश दिए जाने की प्रक्रिया में बदलाव कर कठिन बना दिया गया है। आगे से बीएससी एवं पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को बीई के पाठ्यक्रम मे प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। इस व्यवस्था से इंजीनियरिंग कॉलेजों को अच्छी तकनीकि योग्यता वाले विद्यार्थी मिलने लगेंगें। संचालक तकनीकी शिक्षा अरूण नाहर ने बताया कि डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के अच्छे छात्रों को उच्च तकनीकी योग्यता का इंजीनियर बनाने के लिए मापदंण्ड तय किए गए हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश मे बीई के लिए कुल स्थान 42 हजार हैं। जबकि लेटरल एंट्री से प्रवेश लेने वालों के लिए 4200 स्थान सुरिक्षत हैं। इनमें से बीएससी व डिप्लोमा विद्यार्थिंयों के लिए क्रमश- 1260 व 2940 स्थान भरे जाना हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पिछले साल ही बीएससी के विद्यार्थिंयों को भी लेटरल एंट्री से बीई द्वितीय वर्ष मे प्रवेश की अनुमति दी है। बीएससी डिग्री धारकों को प्रवेश मिलने का यह पहला वर्ष है। लेकिन केवल बीएससी गणित समूह के विद्यार्थियों इस प्रवेश के लिए पात्र हैं। इसके अलावा लेटरल प्रवेश के लिए कुल सीटों की दस्ा फीसदी सीटें आरक्षित होगीं। इन दस फीसदी की कुल संख्या की 70 फीसदी सीटों पर पालिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों को और 30 फीसदी सीटों पर बीएससी के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
तकनीकि शिक्षा विभाग के मुताबिक इस प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारियां पूर्ण कर लीं गईं है। सिंतबर के महीने मे इस परीक्षा व इसकी काउंसलिंग कराए जाने की योजना है। बीई पाठ्यक्रम मे बीएससी व पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के जरिए बीई पाठ्यक्रम मे प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों मे से योग्यता के आधार पर छंटनी करने के मकसद से शुरू की जा रही प्रवेश परीक्षा में 60 फीसदी अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी ही पात्र होगें।
इस प्रवेश परीक्षा के लिए नियम व तारीखों की घोषणा करने की तैयारी मे लगे तकनीकि शिक्षा विभाग ने बताया कि नए बदलाव के तहत बीई पाठ्यक्रम मे प्रवेश की पात्रता देश भर के पालिटेक्नि कॉलेजो के विद्यार्थिंयों को होगी जबकि बीएससी डिग्री धारक केवल प्रदेश के ही होने चाहिए।
गौरतलब है कि प्रदेश मे बीई के लिए कुल स्थान 42 हजार हैं। जबकि लेटरल एंट्री से प्रवेश लेने वालों के लिए 4200 स्थान सुरिक्षत हैं। इनमें से बीएससी व डिप्लोमा विद्यार्थिंयों के लिए क्रमश- 1260 व 2940 स्थान भरे जाना हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पिछले साल ही बीएससी के विद्यार्थिंयों को भी लेटरल एंट्री से बीई द्वितीय वर्ष मे प्रवेश की अनुमति दी है। बीएससी डिग्री धारकों को प्रवेश मिलने का यह पहला वर्ष है। लेकिन केवल बीएससी गणित समूह के विद्यार्थियों इस प्रवेश के लिए पात्र हैं। इसके अलावा लेटरल प्रवेश के लिए कुल सीटों की दस्ा फीसदी सीटें आरक्षित होगीं। इन दस फीसदी की कुल संख्या की 70 फीसदी सीटों पर पालिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों को और 30 फीसदी सीटों पर बीएससी के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
तकनीकि शिक्षा विभाग के मुताबिक इस प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारियां पूर्ण कर लीं गईं है। सिंतबर के महीने मे इस परीक्षा व इसकी काउंसलिंग कराए जाने की योजना है। बीई पाठ्यक्रम मे बीएससी व पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के जरिए बीई पाठ्यक्रम मे प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों मे से योग्यता के आधार पर छंटनी करने के मकसद से शुरू की जा रही प्रवेश परीक्षा में 60 फीसदी अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी ही पात्र होगें।
इस प्रवेश परीक्षा के लिए नियम व तारीखों की घोषणा करने की तैयारी मे लगे तकनीकि शिक्षा विभाग ने बताया कि नए बदलाव के तहत बीई पाठ्यक्रम मे प्रवेश की पात्रता देश भर के पालिटेक्नि कॉलेजो के विद्यार्थिंयों को होगी जबकि बीएससी डिग्री धारक केवल प्रदेश के ही होने चाहिए।
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